गाजियाबाद: पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने पर स्वामी यति नरसिंहानंद के खिलाफ केस दर्ज

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. उन्होंने प्रधानमंत्री व अन्य महापुरुषों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसी वजह से गाजियाबाद के थाना मसूरी पर केस दर्ज किया गया है. इस मामले में आगे की जांच जारी है.

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यति नरसिंहानंद के खिलाफ केस दर्ज यति नरसिंहानंद के खिलाफ केस दर्ज

अरविंद ओझा

  • गाजियाबाद,
  • 08 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद (Yati Narsinghanand) एक बार फिर चर्चा में हैं. वजह है, उनका विवादित बयान. जहरीले बोल बोलने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद के खिलाफ गाजियाबाद में  FIR दर्ज हुई है. 

दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती प्रधानमंत्री व अन्य महापुरुषों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे. इसी वजह से गाजियाबाद के थाना मसूरी पर केस दर्ज किया गया. साथ ही इस मामले के आगे की तहकीकात भी जारी है. सितंबर महीने में भी उन्होंने कहा था कि मदरसों को बारूद से उड़ा देना चाहिए, ताकि बच्चों के दिमाग से वायरस निकल सके. उन्होंने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को भी मजाक बताया था. 

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महात्मा गांधी के खिलाफ भी गलत बयानबाजी

यह पहला मौका नहीं है जब यति नरसिंहानंद चर्चाओं में आए हों. इससे पहले भी वह गलत बयानबाजी के चलते कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं. जुलाई महीने में ही यति ने महात्मा गांधी को हिंदुओं की मौत का जिम्मेदार बताया था. यति ये कहते नजर आ रहे थे कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता ना कहा जाए इसके लिए वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.

कौन हैं नरसिंहानंद सरस्वती?

यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत हैं. उन्हें अखिल भारतीय संत परिषद का राष्ट्रीय संयोजक भी बताया जाता है. इसके अलावा उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने रूस में पढ़ाई की है और मॉस्को व लंदन समेत कई जगहों पर काम भी किया है. वह समाजवादी पार्टी से भी जुड़े रह चुके हैं. 

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पूर्व राष्ट्रपति कलाम के खिलाफ भी की थी विवादित टिप्पणी

पहले नरसिंहानंद सरस्वती का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक अब्दुल कलाम को नंबर एक जिहादी बता रहे थे. वीडियो में वह कहते हैं कि कलाम ने पकिस्तान को एटम बम का फार्मूला दिया. कांग्रेस जैसी सेक्युलर सरकार ने भी अफजल की दया याचिका नहीं भेजी, लेकिन सारे प्रोटोकॉल को तोड़कर कलाम ने अफजल के परिवार वालों से मुलाकात की थी. इसके अलावा बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए वह कहते हैं कि कलाम के राष्ट्रपति और DRDO प्रमुख रहते हुए न जाने कितने हिंदू वैज्ञानिकों की हत्या हुई.

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