यूपी में डेंगू का कहर, अब तक एक नेता और दो दरोगा की मौत

जानकारी के मुताबिक और यहां पर चार साल पहले राजधानी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में जब डेंगू ने दस्तक दी तो अफरा-तफरी मच गई थी. फिलहाल मौजूदा वक्त में डेंगू का प्रकोप जारी है.

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लगभग सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में लगभग सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में

अनूप श्रीवास्तव / पंकज श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 26 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

 

उत्तर प्रदेश में इन दिनों डेंगू का कहर जारी है. जिससे प्रदेश भर में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में हैं. आपको बता दें कि यूपी की राजधानी लखनऊ में पिछले दिनों डेंगू से दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. यही नहीं डेंगू से एक नेता की भी हो मौत हो चुकी है. डेंगू से पीड़ित अब तक 67 लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं.

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जानकारी के मुताबिक और यहां पर चार साल पहले राजधानी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में जब डेंगू ने दस्तक दी तो अफरा-तफरी मच गई थी. फिलहाल मौजूदा वक्त में डेंगू का प्रकोप जारी है. इसकी रोकथाम के लिये शासन और प्रशासन की तरफ से कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है.

एक नेता की भी डेंगू से हो चुकी है मौत
लखनऊ में पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान की डेंगू से निधन हो गया था. उनकी तबियत ख़राब होने के बाद उनको लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टर लगातार उनके इलाज में लगे हुए थे लेकिन बाद में उनका निधन हो गया. 61 वर्षीय मुन्ना सिंह चौहान को 27 तारीख को तेज़ बुखार की शिकायत के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी जांच की जा रही थी इसके बाद उनको डेंगू की पुष्टि हुई जिसके बाद उन्हें लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां की मौत हो गई थी. मुन्ना की मौत पर सीएम अखिलेश ने दुख व्यक्त किया था.

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दो दरोगा की भी हो चुकी है मौत
अभी कुछ दिन पहले ही राजधानी लखनऊ के गाजीपुर थानाक्षेत्र के भूतनाथ में तैनात चौकी इंचार्ज कृष्ण गोपाल शर्मा की डेंगू से मौत हो गई. यही नहीं डेंगू से एक और दरोगा अनिल कुमार पाण्डेय की मौत हो गई थी. अनिल कुमार अभियोजन कार्यालय में तैनात थे.

शासन से लेकर प्रशासन तक सभी ने डेंगू की रोकथाम के लिए दावे किए थे, लेकिन सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं. डेंगू का आतंक और उसकी दहशत लोगों में बुरी तरह फैली हुई है. सरकारी अस्पताल ही नहीं निजी अस्पतालों में भी डेंगू के मरीज भरे पड़े हैं. प्रदेश में इस समय डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है.

जानें क्या है डेंगू के लक्षण?
डेंगू के शुरुआती लक्षणों में रोगी को तेज ठंड लगती है, सिरदर्द, कमरदर्द और आंखों में तेज दर्द हो सकता है. इसके साथ ही उसे लगातार तेज बुखार रहता है. इसके अलावा, जोड़ों में दर्द, बेचैनी, उल्टियां, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.

कैसे बचें डेंगू से?
चूंकि डेंगू वायरस के कारण होता है इसलिए इसका उपचार किसी एक तरह से संभव नहीं है. डेंगू का उपचार इसके लक्षणों में होने वाले आराम को देखते हुए किया जाता है. ऐसे में जरूरी है कि इन लक्षणों को पहचानकर व्यक्ति बिना देरी के चिकित्सक से मिले और इसका उपचार करवाए. इस दौरान अधिक से अधिक पानी व पेय लेना चाहिए और आराम करना जरूरी है. डेंगू के उपचार में अगर अधिक देरी हो जाए तो यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर (डीएचएफ) का रूप ले लेता है और अधिक भयावह हो सकता है.

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डेंगू से बचने के लिये साफ सफाई बहुत जरूरी है
डेंगू का वायरस मच्छरों द्वारा संक्रमित होता है इसलिए सबसे अधिक जरूरी है कि मच्छरों को घर में बिल्कुल न होने दें. साफ-सफाई बहुत जरूरी है क्योंकि गंदगी में डेंगू के मच्छरों की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए आप अपने आस-पास पानी को इकट्ठा न होनें दें.

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