Explainer: कल से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगेगा टोल, जानें कहां तक के लिए कितना चुकाना होगा, नियम और रूट क्या हैं?

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फैसला लिया है कि 25 दिसंबर से टोल की वसूली शुरू हो जाएगी. इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है. इसके मुताबिक, एक किलोमीटर की यात्रा करने वाले वाहनों को टोल टैक्स के रूप में 65 रुपये का भुगतान करना होगा.

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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST
  • एक्सप्रेसवे पर लगे हैं 150 सीसीटीवी कैमरे
  • कोरोना के चलते दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के काम में हुई थी देरी 

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) पर वाहन चालकों को शनिवार यानी कल से टोल टैक्स देना होगा. अब तक दिल्ली से मेरठ मुजफ्फरनगर सहारनपुर देहरादून जाने वाले तमाम लोगों को इस एक्सप्रेस-वे पर टोल नहीं देना पड़ रहा था. 383 दिन बाद किसानों के गाजीपुर बॉर्डर छोड़ने के बाद यहां ट्रैफिक शुरू किया गया है. वाहनों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फैसला लिया है कि 25 दिसंबर से टोल की वसूली शुरू हो जाएगी. इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है.

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किलोमीटर के हिसाब से वसूला जाएगा टोल

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला जाएगा. दिल्ली से मेरठ तक की कार जीप और वैन की टोल दरें 140 रुपये हैं, जबकि डासना से मेरठ जाने के लिए 60 रुपये टोल टैक्स देना होगा. एक्सप्रेस-वे-लेन पर दोपहिया, तिपहिया या धीमी गति से चलने वाले वाहन प्रतिबंधित हैं. इसके बावजूद अगर ऐसे वाहन चालक मनमानी करते हैं तो दोपहिया, तिपहिया वाहनों का चालान किया जाएगा और इस संबंध में 8 घंटे के अंदर उनके मोबाइल पर मैसेज मिल जाएगा. एक्सप्रेस वे पर कार की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा और कमर्शियल वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार रखी गई है.

कोरोना के चलते दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के काम में हुई थी देरी 

यह पूरा का पूरा एक्सप्रेसवे फास्टैग से लैस होगा, यानी दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक के लिए 140 रुपये, गाजियाबाद से मेरठ तक के लिए 95 रुपए और डासना से मेरठ के लिए 60 रुपए टोल देना होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने की कवायद 2008 से शुरू हुई थी. 2014 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम तेजी से शुरू कर दिया गया. साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी. कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में एक वर्ष की देरी लगी, लेकिन अब ये जनता के लिए तैयार है.

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एक्सप्रेसवे पर लगे हैं 150 सीसीटीवी कैमरे

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों की रफ्तार और चलती हुई गाड़ी की नंबर प्लेट पर नजर रखने के लिए कुल 150 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं. इनकी मदद से हर पल वाहनों पर नजर रखी जाएगी. गाड़ी की स्पीड से लेकर गाड़ी के अंदर बैठे यात्री तक पर एनएचएआई (NHAI) कैमरों की मदद से नजर रखेगी. एक्सप्रेसवे पर हर आठ से 10 किमी की दूरी पर एक्सप्रेसवे की प्रत्येक लेन के ऊपर डिस्प्ले लगाई गई, जिस पर चलते हुए वाहन की गति को देख सकेंगे. इस एक्सप्रेसवे पर कार की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा और कॉमर्शियल वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है.

टोल की तय दरें

काशी प्लाजा से सराय काले खां इंदिरापुरम डूंडाहेड़ा डासना सिकरोड भोजपुर
कार व छोटे वाहन 140 95 75 60 45 20
हल्के वाणिज्यिक वाहन 225 150 120 100 75 35
दो एक्सल वाले बस-ट्रक 470 320 255 210 155 75

गुरुवार को ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे देश को समर्पित कर दिया. प्रोजेक्ट की कुल लागत 8346 करोड़ है. 82 किलोमीटर लंबा डीएमई दिल्ली में सराय काले खां को मेरठ से जोड़ता है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सरकार ने दुनिया की नवीनतम तकनीक का उपयोग कर एक्सप्रेसवे का निर्माण किया है. गडकरी ने यहां 'इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम कंट्रोल रूम' का भी उद्घाटन किया, जो DME की निगरानी करेगा ताकि वाहन चालक सुरक्षित यात्रा कर सकें.

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