'आज पूरा देश नफरत का दंश झेल रहा', आजमगढ़ में बोले आजम खान

आजम खान ने कहा कि आज पूरा देश नफरत का दंश झेल रहा है. मुझे भी नफरत की वजह से ही इतने महीनों तक जेल में डाला गया था. आजम खान शनिवार को आजमगढ़ में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे.

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आजम खान (फाइल फोटो) आजम खान (फाइल फोटो)

अभिषेक मिश्रा

  • आजमगढ़,
  • 18 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST
  • 23 जून को होना है उपचुनाव
  • आजमगढ़ में प्रचार के लिए पहुंचे आजम खान

अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को उप-चुनाव होना है. आजमगढ़ सीट पर प्रचार के लिए समाजवादी पार्टी ने अपनी ताकत झोंक दी है. शनिवार को आजमगढ़ में प्रचार के दौरान सपा नेता आजम खान ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज पूरा देश नफरत का दंश झेल रहा है. एक बीज जो पहले बोया गया ता वह आज पेड़ बन गया है. उन्होंने कहा कि मुझ पर सैकड़ों मामले हैं, अभी जमानत पर बाहर हूं, बरी नहीं हुआ हूं. मुझे सिर्फ औऱ सिर्फ नफरत के चलते ही इतने समय तक जेल में रखा गया था.

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आजम खान बोले कि मुझे 27 महीने तक जेल में डाला गया, इससे बेहतर होता कि मुझे मार दिया जाता या फांसी दे दी जाती, तो ये इतना तकलीफ नहीं होती.

आजम खान ने आजमगढ़ में कहा कि देश की 1/5 आबादी के खिलाफ जो घृणा और सोच है, वह हिंदुस्तान के दिल पर खंजर से कम नहीं है. अगर 1/5 हिस्से को लकवा लग जाए तो उस देश को सेहतमंद कौन कहेगा. उन्होंने कहा कि कभी जानवर, गोश्त, पहनावे, पूजा, इबादत के नाम पर नफरत फैलाई गई. 

आजम खान ने कहा कि मैंने 40 साल सियासत अपने लिए नहीं, अपनी कौम के हालात बदलने के लिए की. इस दौरान कई काम किए. इसी गुनाह की मुझे सजा मिली. मुझ पर आरोप है कि मैंने मंत्री रहते हुए मैंने, मेरी बीवी और बच्चों ने शराब की दुकानें लूटी थीं. 16 हजार का गल्ला, मुर्गी, बैंस, किताब की चोरी का आरोप लगाया गया, डकैती की धाराएं लादी गईं. मेरे मकान को तोड़ा गया. ED की जांच हुई. यूनिवर्सिटी पर कांटे बिछा दिए, बीमारी के दौरान मैं 5 महीने तक एक छोटे से कमरे में बंद रहा.

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इस दौरान उन्होंने अग्रिपथ योजना को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के बारे में कहा कि जो बसें और ट्रेनें जली हैं, उसका हिसाब कौन लेगा. हम से तो सब लिया था. इतना ही नहीं, जौहर को भी लूट कर ले गए.

आजम खाने बोले कि जब कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया, तो हमने स्वीकार कर लिया. तो फिर कुरान की तौहीन क्यों होती है, हजरत मोहम्मद पर सवाल क्यों उठाते हो?  उन्होंने कहा कि जब हम इंसाफ करेंगे, तब तुम बर्दाश्त नहीं कर पाओगे. 

 

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