बाबरी मामले में दिग्गजों के बरी होने पर सवाल, इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाजी महबूब व सैयद अखलाक अहमद की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में यह रिवीजन रिट याचिका दाखिल की गई है. 

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इलाहाबाद हाई कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट

बनबीर सिंह

  • अयोध्या,
  • 18 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:28 AM IST
  • आज वैधानिकता पर सुनवाई
  • कई हाईप्रोफाइल नेताओं का नाम

अयोध्या के मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. बाबरी विध्वंस के मामले में आरोपी बनाए गए लोगों को सीबीआई कोर्ट से बरी होने के बाद एक बार फिर उनको छोड़ने को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसीलिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. यह याचिका बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पक्षकार हाजी महबूब और सैयद अखलाक अहमद की तरफ से दाखिल की गई है.

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18 जुलाई को वैधानिकता पर सुनवाई
हालांकि 2021 में ही यह याचिका दाखिल की गई थी लेकिन अब इसकी चर्चा इसलिए हो रही है कि 18 जुलाई 2022 को इसकी वैधानिकता को लेकर सुनवाई होनी है. अगर पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में आ जाएगा और सरकार समेत उन जीवित आरोपियों को नोटिस जारी कर दी जाएगी और उस पर बाकायदा फिर सुनवाई होगी. मगर यदि यह याचिका स्वीकार नहीं होती है तो खारिज होने के साथ ही इसका वैधानिक अस्तित्व समाप्त हो जाएगा.
 
कई हाईप्रोफाइल नेताओं का नाम
इस हाईप्रोफाइल मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा समेत ऐसे कई बड़े नाम हैं जिनके कारण इस मामले की एक बार फिर चर्चा सुर्खियों में हैं. हालांकि आरोपी बनाए गए लोगों में लगभग आधे अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन जितने लोग बचे हैं उनका वजूद इसे एक बार फिर सुर्खियों में ला देता है. 

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इस मसले पर हाजी महबूब (पूर्व पक्षकार बाबरी मस्जिद) का कहना है कि याचिका को कई महीने हो गए 5 से 6 महीने से ऊपर हो गया, लेकिन सुनवाई होनी थी 18 तारीख को. उस पर पेशी है, उम्मीद करता हूं कि हमारी अपील मंजूर की जाएगी और केस शुरू हो जाएगा. मस्जिद को उन्होंने गिराया था और गिरवाया था और उसमें वह इंवॉल्व थे और उसके बाद अब अदालत उसका क्या फैसला देती है वह अदालत के ऊपर है.

उन्होंने कहा कि अदालत जो भी फैसला देगी हमें मंजूर है. अदालत ने जो फैसला दिया था मुझे नहीं मालूम था इसीलिए मैं हाई कोर्ट गया. लोअर कोर्ट ने उनके फेवर में दे दिया फैसला. इसलिए हम हाईकोर्ट चले गए अब हाई कोर्ट क्या फैसला देती है यह तो देखा जाएगा. हाजी महबूब ने कहा कि इसमें 30 से 32 आरोपी हैं. आडवाणी साहब हैं. मुरली मनोहर जोशी साहब हैं, कटिहार साहब हैं या सब जो हैं उनपर केस चलेगा. फैसला आ गया.
 

 

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