यूपीः शादी समारोह में चली ओवैसी-शिवपाल की लंबी गुफ्तगू, क्या बनेगी गठबंधन पर बात?

दोनों नेता शनिवार को AIMIM के यूपी अध्यक्ष शौकत अली की बेटी की शादी में आजमगढ़ पहुंचे थे. माहुल कस्बे के रफी अहमद कॉलेज में आयोजित शादी समारोह में दोनों नेताओं की काफी देर बातचीत चली. माना जा रहा है कि ये मुलाकात गठबंधन के लिहाज से अहम है. 

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आजमगढ़ में एक शादी समारोह में मिले दोनों नेता आजमगढ़ में एक शादी समारोह में मिले दोनों नेता

कुमार अभिषेक

  • आजमगढ़,
  • 20 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST
  • शादी समारोह में आजमगढ़ पहुंचे थे दोनों नेता
  • दोनों नेताओं की काफी देर तक बातचीत चली

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से गठबंधन के समीकरण साधे जा रहे हैं. शनिवार को एक बार फिर शिवपाल यादव और असदुद्दीन ओवैसी की मुलाकात हुई. ये मुलाकात आजमगढ़ में एक शादी समारोह के दौरान हुई. इन दोनों नेताओं की मुलाकात उत्तर प्रदेश में बन रहे नए सियासी गठबंधन के मद्देनजर देखा जा रहा है.

दोनों नेता शनिवार को AIMIM के यूपी अध्यक्ष शौकत अली की बेटी की शादी में आजमगढ़ पहुंचे थे. माहुल कस्बे के रफी अहमद कॉलेज में आयोजित शादी समारोह में दोनों नेताओं की काफी देर तक बातचीत चली. माना जा रहा है कि ये मुलाकात गठबंधन के लिहाज से अहम है. 

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गैर-भाजपावाद का नारा दिया है

बता दें कि सपा से नाता तोड़कर अलग हो चुके  प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने 2022 विधानसभा चुनाव के लिए गैर-भाजपावाद का नारा दिया है. उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने समाज के दम पर चार बार सरकार बनाई. बीजेपी को हराने के लिए पूरे देश के समाजवादियों को एक होना पड़ेगा. साथ ही शिवपाल यादव ने साफ तौर पर कहा कि उनकी पार्टी का सपा में विलय नहीं होगा, लेकिन प्रमुख अखिलेश यादव के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं. 

गठबंधन के संकेत दिए थे

इससे पहले हुई मुलाकात में AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शिवपाल यादव के साथ गठबंधन करने के संकेत दिए थे. शिवपाल यादव भी ओवैसी की तारीफ कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले शिवपाल यादव और ओम प्रकाश राजभर के बीच मुलाकात हुई थी. राजभर सूबे में छोटे दलों के साथ मिलकर एक राजनीतिक विकल्प तैयार करने में जुटे हैं. 

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राजभर उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं तो ओवैसी ने बिहार चुनाव के बाद हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी इस बात को साबित किया है कि मुस्लिम मतदाता उनके साथ खड़े हैं. इससे पहले बिहार चुनाव में बने ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट में भी ओवैसी और राजभर साथ थे. 

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