अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शुरू होगा नया कोर्स, मिलेगी मौलवी बनने की ट्रेनिंग

AMU की तरफ से जल्द ही नया कोर्स शुरू होने जा रहा है. इस कोर्स को करने वाले छात्र भारतीय सेना में मौलवी के पद पर सीधे आवेदन कर सकेंगे. इससे मदरसों में पढ़ने वाले लड़कों के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता भी खुलेगा. 

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(फाइल फोटो) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU) की तरफ से जल्द ही नया कोर्स शुरू होने जा रहा है. इस कोर्स को करने वाले छात्र भारतीय सेना में मौलवी के पद पर सीधे आवेदन कर सकेंगे. इससे मदरसों में पढ़ने वाले लड़कों के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता भी खुलेगा.  

सेना में इनकी भर्ती सीधे नायब सूबेदार की रैंक पर होगी. दरअसल नए सत्र में AMU इस्लामिक चैपलिन के नाम से एक साल का डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रहा है. कॉलेज में इस कोर्स को करने के बाद बच्चों के सामने सेना सहित कई सरकारी महकमों में मौलवी का पद मिल सकेगा.  

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AMU की इस पहल से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की उम्मीदों को एक नई उड़ान मिलेगी. इस कोर्स को करने के लिए ये जरूरी होगा कि मदरसे से आने वाले छात्र अदीब-कामिल या अदीब-माहिर यानी बीए के बराबर मदरसे की कोई डिग्री हो.

इसके बाद ये छात्र AMU से एक साल का डिप्लोमा करेंगे और फिर सीधे सेना में मौलवी का पद लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे. सबसे बड़ी बात ये है कि लड़कों के साथ-साथ लड़कियां भी इस कोर्स को कर सकेंगी.

शुरुआत में इस कोर्स में 10 छात्रों को दाखिला लिया जाएगा. इसमें 5 सीट लड़कियों के लिए रिजर्व है. उम्मीद की जा रही है कि एक साल का कोर्स करने के बाद मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे सरकारी नौकरियों का रास्ता साफ होगा. सेना अस्पताल, जेल प्रशासन जैसे दूसरे जगहों पर नियुक्ति मिलेगी.

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गौरतलब है कि हर साल सेना में धर्म शिक्षक (पंडित, मौलवी, पादरी, ग्रंथी, बौद्ध संन्यासी) के पद पर नियुक्ति होती है. इसमें नियुक्ति बतौर जूनियर कमीशन अधिकारी के पद पर होती है. इसकी जानकारी कम मुस्लिम युवकों को होती है जिससे वह इससे वंचित रह जाते हैं.

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