मन्नान विवाद: AMU के 1200 छात्रों ने दी यूनिवर्सिटी छोड़ने की धमकी

छात्रों ने धमकी भरे अंदाज में कहा है कि 17 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की जयंती है. मुकदमे वापस ना लेने पर इसी दिन 1200 छात्र अपनी डिग्रियां वापस कर देंगे.

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 शुक्रवार (12 अक्टूबर) को एएमयू में तनाव का माहौल रहा (फोटो-पीटीआई) शुक्रवार (12 अक्टूबर) को एएमयू में तनाव का माहौल रहा (फोटो-पीटीआई)

पन्ना लाल

  • अलीगढ़,
  • 14 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 1200 छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बगावती रुख अख्तियार कर लिया है. ये मामला कश्मीर में आतंकी मन्नान वानी के एनकाउंटर से जुड़ा हुआ है. एएमयू के छात्रों ने कहा है कि प्रशासन ने कुछ स्टूडेंट्स पर गलत ढंग से कार्रवाई की है. छात्रों का कहना है कि 2 निलंबित स्टूडेंट पर लगे देशद्रोह के मुकदमे वापस नहीं होते हैं तो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 1200 छात्र अपनी डिग्रियां सरेंडर कर देंगे.

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बता दें कि एएमयू के पीएचडी स्कॉलर मन्नान वानी के एनकाउंटर की खबर आने बाद विश्वविद्यालय में कथित तौर पर उसके जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की गई थी. एएमयू के कैनेडी हॉल में लगभग 15 छात्र इकट्ठा हुए थे और यहां पर उन्होंने नमाज पढ़ने की कोशिश की थी. इसके बाद 2 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया था और उनपर देशद्रोह के मामले दर्ज किये गये.

एएमयू के पूर्व छात्र नेता सज्जाद सुभान राथर ने एएमयू प्रशासन और अलीगढ़ एसएसपी को चिट्ठी लिखी है. पत्र में कहा गया है कि कैनेडी हॉल में छात्र जनाज़े की नमाज़ पढ़ने के लिए नहीं बल्कि कश्मीर घाटी में बढ़ती हिंसा और मौतों पर एक चिंतन बैठक बुलाई गई थी, इसी दौरान एएमयू सुरक्षाकर्मियों ने बैठे हुए छात्रों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया. छात्रों का कहना है कि अगर सस्पेंड 2 छात्रों पर देशद्रोह के लगे मुकदमे वापस नहीं होते हैं तो एएमयू के 1200 स्टूडेंट अपनी डिग्रियां विश्वविद्यालय को वापस कर देंगे.

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कश्मीरी छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कश्मीरी छात्र खौफ में हैं. छात्रों ने बताया कि 17 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की जयंती है. मुकदमे वापस ना लेने पर इसी दिन 1200 छात्र अपनी डिग्रियां वापस कर देंगे.

बता दें कि मन्नान वानी एएमयू में पीएचडी का स्टूडेंट का था. इसी साल जनवरी में वानी पढ़ाई छोड़कर गायब हो गया था बाद में वह आतंकी संगठन हिज्बुल में शामिल हो गया था. 11 अक्टूबर को कुपवाड़ा में सेना के साथ मुठभेड़ में वानी मारा गया था.

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