फ्लैट में जैसा सामान छोड़ गए थे, वैसा ही मिला..., Noida ट्विन टावर गिरने के बाद आसपास के 60% लोग अपने घर लौटे

दिल्ली से सटे यूपी के Noida में 28 अगस्त को सुपरटेक ट्विन टावर को धूल में मिला दिया गया. जिसके बाद अब आस-पास की सोसाइटी में रहने वाले लोग अपने घर लौटने लगे हैं. क्योंकि इमारतों को गिराने से पहले सभी को वहां से जाने के लिए कह दिया गया था.

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twin tower के पास की सोसाइटी में लौटते लोग. twin tower के पास की सोसाइटी में लौटते लोग.

भूपेन्द्र चौधरी

  • नोएडा,
  • 29 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

नोएडा के सेक्टर-93 A स्थित सुपरटेक के 32 मंजिला ट्विन टावर्स का पलक झपकते ही ध्वस्तीकरण कर दिया गया. ट्विन टावर डिमोलिशन के दौरान होने वाला नुकसान का डर हर शख्स के अंदर था. इसी को लेकर सभी आसपास रहने वाले लोग अपने अपने घरों को छोड़कर दूर चले गए थे. 

प्लान के मुताबिक ध्वस्तीकरण सफल रहा तो सभी खुश नजर आए. इसको लेकर 'आजतक' की टीम ने सोसायटी के लोगों से बात कि तो उनका कहना है कि सब कुछ सकुशल रहा. कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. हम जैसे सामान फ्लैट में छोड़ कर गए थे, वैसा ही मिला है. 

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पड़ोसी की सोसाइटी के एक फ्लैट का दृश्य.

डिमोलिशन करने वाली कंपनी की तरफ से टावर को कपड़े से ढंका गया था. जिसकी वजह से धूल तक अंदर नहीं आई है. सोसायटीवासियों का कहना है कि इस 28 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण दिवस के रूप में घोषित कर देना चाहिए.

लोगों को सालों से इंतजार था कि वह कौन-सी तारीख आएगी जिस दिन ये भ्रष्टाचार से बना ट्विन टावर नीचे गिराया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने के बाद सोसायटीवासियों को डिमोलिशन के इंतजार के लिए कई तारीखों का इंतजार करना पड़ा है. तब जाकर एडिफाइस कंपनी ने 28 अगस्त तारीख को फाइनल किया. इसके लिए स्थानीय एडमिनिस्ट्रेशन कई दिनों से तैयारियां कर रहा था.

वहीं, इस डिमोलिशन के कारण होने वाले नुकसान से भी लोग काफी चिंतित हो रहे थे. लेकिन एडिफाइस कंपनी बार-बार यह कह रही थी कि जैसे उन्होंने तकनीकी के आधार पर काम किया है, उन्हें पूरा भरोसा है किसी तरीके का कोई नुकसान नहीं होगा और टावर को नीचे गिरा दिया जाएगा. हुआ भी कुछ ऐसा ही.

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मुंबई की कंपनी एडिफाइस और साउथ अफ्रीका की कंपनी जेट ने मिलकर इस ट्विन टावर डिमोलिशन प्रक्रिया को सफल बनाया. किसी भी तरह से जान माल का नुकसान नहीं हुआ. 

60 प्रतिशत लोग लौटे अपने घर

डिमोलिशन के बाद सभी लोगों को सूचित किया गया कि वह अपने घर वापस लौट सकते हैं और सोसाइटी में पानी बिजली सुचारू रूप से चालू की गई है.

आरडब्ल्यूए अध्यक्ष का कहना है कि अब तक कुल 60 प्रतिशत लोग अपने घर वापस लौट चुके हैं और जो 40 प्रतिशत अभी तक नहीं आए हैं, वो आज शाम तक या कल सुबह तक आ जाएंगे. सोसाइटी में किसी तरीका का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है. डिमोलिशन प्रक्रिया से हम बहुत खुश हैं. जिस तरीके का हमें डर सता रहा था इससे हम बच गए और हमें कोई नुकसान भी नहीं हुआ.

सोसाइटी में बेहद नजदीक वाले टावर में कुछ फ्लैट के खिड़कियों के शीशे टूटे हैं. जिनको एडिफाइस कंपनी रिप्लेस करवा देगी. बाकी सब कुछ सुरक्षित है और सही है.

घर वापस लौटे मंजू श्रवण का कहना है कि जिस तरीके का हमें डर सता रहा था और हम दुखी थे, वैसा कुछ नहीं हुआ. सब कुछ सही रहा. हम स्थानीय एडमिनिस्ट्रेशन डिमोलिशन करने वाली कंपनी का धन्यवाद करते हैं.

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वहीं, मोनिका ने बताया कि यह दोपहर 2:30 बजे डिमोलिशन हुआ. उससे 15 मिनट पहले हमारे दिल की धड़कन तेज हो गई और हमें बहुत ज्यादा डर सताने लगा. जब तक डिमोलिशन सक्सेस नहीं हुआ, तब तक डर बना रहा और हम सोचते रहे कि कोई अनहोनी ना हो जाए. लेकिन सब ठीक रहा.

वहीं, एक आर्मी रिटायर रवि कुमार ने इस मामले में अपनी राय देते हुए कहा कि डिमोलिशन ट्विन टावर का तो हुआ ही है साथ में उस भ्रष्टाचार का भी हुआ है. जो बिल्डर ने कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर किया है. इस ट्विन टावर डिमोलिशन से मुझे खुशी भी है और दुख भी. दुख मुझे इस बात का है कि सालों में बनकर खड़ी हुई ऊंची सी इमारत को मात्र कुछ सेकंड में जमींदोज कर दिया गया. इसको तोड़ने की बजाय इसमें आमजन के लिए सरकार स्कूल अस्पताल या फिर कुछ और भी खोल सकती थी. जिससे आमजन को फायदा होता. 

एडिफिस कंपनी की टीम और पुलिस कमिश्नर ने किया दौरा

सोमवार दोपहर में एडिफिस कंपनी, पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह और आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष ने सोसाइटी का दौरा और निरीक्षण किया और फ्लैट ऑनर से बात कर रिएक्शन भी लिया.

इसके बाद मीडिया से बात करते हुए पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि एडिफाइस और जेट द्वारा किया गया ट्विन टावर डिमोलिशन पूरी तरीके से सक्सेस रहा है. कहीं भी कोई नुकसान नहीं हुआ है. ट्विन टावर के बराबर में कुछ मीटर लंबी एक बाउंड्री वॉल नीचे गिर गई है. जिसको एडिफाइस कंपनी द्वारा बनवा दिया जाएगा. साथ ही नजदीक वाले टावर के फ्लैट में कुछ खिड़कियों के शीशे टूटे हैं. जिनको रिप्लेस कर दिया जाएगा.

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एटीएस विलेज आरडब्लयूए ने बताया कि हवा का रुख एटीएस विलेज की तरफ होने के कारण एटीएस विलेज सोसाइटी में धूल थोड़ी ज्यादा हो गई. जिसकी सफाई का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है.

सरकार का आगे का क्या है प्लान?

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीबीआरआई और एडिफिस इंजीनियरिंग के अधिकारियों के मंथन के बाद यहां निकलने वाले मलबे पर निर्णय लिया है. उसके अनुसार 80 हजार मीट्रिक टन मालवा में 4 हजार टन सरिया और स्टील होगी. जिसे अलग किया जाएगा. करीब 30 हजार टन मलबा बेसमेंट को भरने में प्रयोग होगा.

टावर्स का 28 हजार मीट्रिक टन मालबा मानकों के अनुसार नोएडा अथॉरिटी के सेक्टर-80 स्थित सीएनडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में साइंटिफिक ढंग से निस्तारण के लिए पहुंचाया जाएगा.

सेक्टर-80 में प्राधिकरण का सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट है. इसकी क्षमता रोजाना की 300 मीट्रिक टन की है. यहां डंपर से मलबे को लाकर निस्तारित किया जाएगा. इससे यहां रि-साइकिल कर सीमेंट और टाइल्स बनाई जाएंगी. करीब 20 डंपर रोजाना मलबे को लेकर जाएंगे. बताया गया कि प्राधिकरण ने सीएंडडी वेस्ट प्लांट को लेकर हरी झंडी दे दी गई है. दावा किया गया है कि तीन माह के भीतर मलबे का निस्तारण कर दिया जाएगा.

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