तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने शनिवार को ऐलान किया कि राज्य सरकार धार्मिक नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ एक नया कानून लाएगी. इस कानून के तहत किसी भी धर्म का अपमान या गाली देने वालों को सख्त सजा दी जाएगी. इसके साथ ही तेलंगाना ऐसे गिने-चुने राज्यों में शामिल हो जाएगा, जो धार्मिक नफरत के खिलाफ कड़ा कानूनी रुख अपनाएंगे.
'सजा को और सख्त किया जाएगा'
एलबी स्टेडियम में आयोजित क्रिसमस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित कानून का मकसद धार्मिक द्वेष को पूरी तरह खत्म करना और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को कड़ी सजा देना है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में नया अधिनियम लाया जाएगा और मौजूदा कानूनों में भी संशोधन कर सजा को और सख्त किया जाएगा.
'नफरत फैलाने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति'
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने पहले ही धार्मिक हमलों और धमकियों के मामलों में सख्त कार्रवाई की है, जिससे राज्य में शांति और भाईचारा बना हुआ है. उन्होंने साफ कहा कि अपने धर्म का पालन करने का अधिकार किसी को दूसरे धर्म का अपमान करने की इजाजत नहीं देता और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी.
'अल्पसंख्यकों को मिलेगा बराबर का हक'
मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदायों को भरोसा दिलाया कि उन्हें सभी कल्याणकारी योजनाओं में बराबर का हक मिलेगा और उनकी गरिमा व सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि ईसाई और मुस्लिम समुदायों से जुड़े कब्रिस्तानों के लंबे समय से लंबित मुद्दों का भी जल्द समाधान किया जाएगा.
क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यीशु मसीह का प्रेम, शांति और मानवता की सेवा का संदेश आज के दौर में बेहद प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि नफरत के माहौल में प्रेम का संदेश और भी जरूरी हो जाता है.
अब्दुल बशीर