तेलंगाना: बीजेपी ने स्वीकार किया टी राजा सिंह का इस्तीफा, अब विधायकी भी जाएगी

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने गोशामहल से विधायक टी राजा सिंह को पत्र भेजकर सूचित किया कि उनका इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संज्ञान में लाया गया और नड्डा के निर्देश पर इसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि राजा सिंह द्वारा लगाए गए आरोप पार्टी की विचारधारा, सिद्धांतों और कार्यशैली से मेल नहीं खाते.

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बीजेपी ने टी राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है (File Photo: PTI) बीजेपी ने टी राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है (File Photo: PTI)

अब्दुल बशीर

  • हैदराबाद,
  • 11 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने तेजतर्रार तेलंगाना के विधायक टी राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. टी राजा सिंह ने राज्य अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के फैसले पर नाराज़गी जताते हुए इस्तीफा दिया था. बीजेपी ने उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को निरर्थक और पार्टी की कार्यप्रणाली से असंगत बताया है. इसके साथ ही पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें राजा सिंह को विधानसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया जाएगा.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एन रामचंदर राव की तेलंगाना बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में संभावित नियुक्ति से नाराज़ टी राजा सिंह ने 30 जून को तत्कालीन अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि यह निर्णय लाखों पार्टी सदस्यों के लिए एक सदमा और निराशा है और इसे उनका त्यागपत्र माना जाना चाहिए. हालांकि कुछ ही घंटों बाद रामचंदर राव को आधिकारिक रूप से अध्यक्ष बना दिया गया.

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने गोशामहल से विधायक टी राजा सिंह को पत्र भेजकर सूचित किया कि उनका इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संज्ञान में लाया गया और नड्डा के निर्देश पर इसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि राजा सिंह द्वारा लगाए गए आरोप पार्टी की विचारधारा, सिद्धांतों और कार्यशैली से मेल नहीं खाते.

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बता दें कि राजा सिंह अपनी कट्टर हिंदुत्ववादी राजनीति और मुस्लिम विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं. वह पहले भी एक बार पार्टी से सस्पेंड किए जा चुके हैं. इस घटनाक्रम ने तेलंगाना बीजेपी में अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है और आने वाले समय में इसके सियासी असर पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी.

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