Exclusive: नए सेना प्रमुख बिपिन रावत बोले- हर बार सर्जिकल स्ट्राइक जरूरी नहीं, घाटी में शांति मकसद

नए थलसेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने फिर दोहराया कि कश्मीर घाटी में शांति कायम रखना उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि घुसपैठ को पूरी तरह नाकाम करने के लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे उसे उठाने में वो नहीं हिचकेंगे.

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आर्मी चीफ बिपिन रावत आर्मी चीफ बिपिन रावत

अमित कुमार दुबे / मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:02 PM IST

नए थलसेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने फिर दोहराया कि कश्मीर घाटी में शांति कायम रखना उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि घुसपैठ को पूरी तरह नाकाम करने के लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे उसे उठाने में वो नहीं हिचकेंगे.

जनरल बिपिन रावत ने कहा कि उनकी ताकत सेना के एक-एक जवान हैं और उन जवानों का हौसला बढ़ाना होगा, ताकि वो हर वक्त तैयार रहें और डटकर दुश्मनों का मुकाबल कर सकें. साथ ही सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले दिनों सेना पर हमले के कई मामले सामने आए, जिसे रिव्यू किया गया है.


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सेना प्रमुख ने माना कि पिछले दिनों हुए नगरोटा हमले को पहले नाकाम किया जा सकता था. उन्होंने बताया कि आतंकी लगातार अपनी रणनीति बदलते रहते हैं और उन्हें कई जगहों से समर्थन मिलते हैं. ऐसे में उस हिसाब से हमें भी तैयार रहने की जरूरत है.

बिपिन रावत ने बातचीत में कहा कि सरकार ने उन्हें कुछ जिम्मेदारी दी है, और उसे वो पूरा करने की कोशिश करेंगे. सेना प्रमुख एक ऐसा पद है जिसे देश विश्वास की नजर से देखता है. सेना प्रमुख ने बताया कि सीमा पर सीजफायर का उल्लघंन होने पर ही जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की जाती है.

उन्होंने बताया कि जहां आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की बात है तो हर बार सर्जिकल स्ट्राइक करना आसान नहीं है और जरूरी भी नहीं. बिपिन रावत की मानें तो फिदायीन हमले को रोकना सबसे मुश्किल काम है.

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