सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके ज़रिए ये साबित करने की कोशिश की जा रही है कि कैसे मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री रहते हुए भी सोनिया गांधी की आज्ञा का पालन करना पड़ता था. वीडियो में एक आलिशान हॉल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ एक औपचारिक भेंट करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
वीडियो की शुरुआत में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि रानिल विक्रमसिंघे सोनिया और मनमोहन को अपने साथियों से मिलवाने के बाद मनमोहन को अपनी बगल वाली कुर्सी पर बैठने का इशारा करते हैं. लेकिन उसी समय सोनिया, मनमोहन सिंह को सामने वाली कुर्सी पर बैठने का इशारा करती हैं और खुद विक्रमसिंघे की बगल वाली कुर्सी पर बैठ जाती हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो के बहाने लोग दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम होते हुए भी सिंह को किंग जैसा सम्मान नहीं मिलता था.
वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों से पता चलता है कि ये वीडियो ''NNIS - News'' नाम के एक यूट्यूब चैनल से लिया गया है. इस चैनल ने यह वीडियो 26 अप्रैल 2017 को अपलोड किया था.
क्या ये वीडियो 26 अप्रैल 2017 का ही है ये जानने के लिए हम विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर गए. पता चला कि रानिल विक्रमसिंघे ने वाकई 25 से 29 अप्रैल 2017 में भारत का चार दिन का दौरा किया था. वेबसाइट पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कुछ तस्वीरें भी मौजूद हैं. गौर से देखने पर पता चलता है कि इन तस्वीरों में विक्रमसिंघे हूबहू उसी सूट और टाई में हैं जैसा कि वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है. यानी सोनिया गांधी से विक्रमसिंघे की ये मुलाकात उसी दिन की है, जिस दिन सुषमा स्वराज उनसे मिलीं थी. ये तस्वीरें दिल्ली के हैदराबाद हाउस के उसी हॉल की हैं जो वीडियो में दिख रहा है.
26 अप्रैल 2017 को न्यूज़ एजेंसी ANI ने भी सोनिया और विक्रमसिंघे की इस मुलाकात की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर अपलोड की थी.
सबको मालूम है कि 2017 में इस मुलाकत के समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे. इस बैठक में वो सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर गए थे. सोनिया गांधी UPA की चेयरपर्सन के तौर पर विक्रमसिंघे के बगल वाली कुर्सी पर बैठी थीं. ऐसी औपचारिक बैठकों में सबकी बैठने की जगह पहले से तय होती है, इसलिए किसी का किसी को हटा कर बैठने का सवाल नहीं होता. यानी वायरल वीडियो असली तो है लेकिन इसके बारे में जो बताया जा रहा है वो पूरी तरह गलत है.
सना जैदी / बालकृष्ण