बैन के बावजूद J-K में कैसे चल रहा था गिलानी का इंटरनेट, 2 BSNL अधिकारी घेरे में

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी को संचार सेवा पर रोक के बावजूद इंटरनेट एक्सेस देने का मामला सामने आया है. इस मामले में दो बीएसएनएल अधिकारी घेरे में आए हैं, जिन पर एक्शन लिया गया है.

Advertisement
सैय्यद अली शाह गिलानी (AP) सैय्यद अली शाह गिलानी (AP)

अशरफ वानी

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लगाने और इंटरनेट बैन करने के बावजूद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के ट्वीट करने के मामले में दो बीएसएनएल अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है. गिलानी को संचार सेवा पर रोक के बावजूद इंटरनेट एक्सेस देने के मामले में दो बीएसएनएल अधिकारी घेरे में आए हैं.

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मद्देनजर सरकार ने एहतियात के तौर पर घाटी में इंटरनेट और फोन सेवा बंद पर पाबंदी लगा दी थी. इस सुविधा पर 4 अगस्त से रोक लगाई गई थी. लेकिन अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के पास 8 दिनों तक लैंडलाइन और इंटरनेट सेवा चालू थी. सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों को यह भी पता नहीं चल सका कि गिलानी कश्मीर में इंटरनेट एक्सेस कर रहे हैं या नहीं,  उन्होंने अपने अकाउंट से ट्वीट किया था.

Advertisement

इस बाबत जांच शुरू की गई थी कि गिलानी कैसे इंटरनेट और लैंडलाइन सुविधा पाने में सक्षम थे. बीएसएनएल ने इस संबंध में दो अधिकारियों पर एक्शन लिया है. अधिकारियों के लूप होल्स के बारे में पता चलने के बाद से गिलानी की सर्विस बंद कर दी गई थी.

गौरतलब है कि गिलानी अपने अकाउंट से लगातार भारत विरोधी पोस्ट करते रहे हैं. कई यूजर्स तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से गिलानी को पाकिस्तान भेजने तक की मांग कर चुके हैं. पिछले महीने (जुलाई में) उनके प्रवक्ता गुलजार अहमद गुलजार को भी जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.

फिलहाल घाटी में फोन सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हो रही हैं. यहां पर स्कूलों को खोला गया है और धारा 144 में ढील दी गई है.  श्रीनगर में आज से स्कूल, लैंडलाइन खुलेंगे. करीब 14 दिन बाद घाटी में स्कूल-कॉलेज खुलने जा रहे हैं, ऐसे में एक बार फिर सुरक्षाबलों के लिए शांत माहौल बनाने की चुनौती है. अनुच्छेद 370 कमजोर होने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही कश्मीर में धारा 144 लागू थी.

Advertisement

वहीं, जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग की तरफ से सोमवार सुबह एक बयान जारी किया गया है. पुलिस द्वारा बताया गया कि एक अफवाह फैलाई जा रही है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के हथियार जब्त किए जा रहे हैं, लेकिन ये अफवाह गलत हैं. गृह विभाग की तरफ से अपील की गई है कि इस तरह की किसी खबर पर विश्वास ना करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement