सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: विपक्ष हमलावर-BJP ने भी भरी हुंकार

लोकसभा में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को चर्चा और मत विभाजन होगा.

Advertisement
पीएम मोदी (फाइल फोटो) पीएम मोदी (फाइल फोटो)

अमित कुमार दुबे / अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

लोकसभा में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को चर्चा और मत विभाजन होगा.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, 'अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई (शुक्रवार) को चर्चा और मत विभाजन होगा. इस पर पूरे दिन चर्चा होगी और उसी दिन वोटिंग होगी.' सदस्यों की ओर से चर्चा के लिए कुछ और समय बढ़ाने की मांग पर स्पीकर ने कहा कि सात घंटे का समय चर्चा के लिए रखा गया है. इस दिन प्रश्नकाल नहीं चलेगा और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा, सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी.

Advertisement

TMC का तर्क

इससे पहले लोकसभा में बुधवार को मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया. हालांकि सदन में तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाते हैं और उसके आयोजन की वजह से 20 जुलाई को तृणमूल का एक भी सांसद सदन में नहीं रहेगा, इसलिए शुक्रवार की जगह चर्चा सोमवार को कराई जाए. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य शुक्रवार को चर्चा में भाग लेकर भी लौट सकते हैं, उन्होंने कहा कि इस विषय पर अभी चर्चा नहीं हो सकती, वह व्यवस्था दे चुकी हैं. मांग नहीं माने जाने पर तृणमूल के त्रिवेदी और सौगत राय ने सदन से वॉकआउट किया.

सरकार मुकाबले के लिए तैयार

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद किसी भी क्षण चर्चा के लिए तैयार रहना चाहिए. अविश्वास प्रस्ताव महत्वपूर्ण है और सदस्यों को अन्य कोई भी कार्यक्रम छोड़कर उसमें भाग लेना चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का सरकार मुंहतोड़ जवाब देगी. सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, सिर्फ एनडीए ही नहीं बाहर से भी कुछ पार्टियां मोदी के नेतृत्व का समर्थन करेंगे और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट देंगे.

Advertisement

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है और दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएग, हम निश्चत तौर पर विजयी होंगे. टीडीपी सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन अध्यक्ष ने सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया था.

टीडीपी का अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार

सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले सभी सदस्यों का उल्लेख किया और टीडीपी के एस केसीनेनी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहा. टीडीपी आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर राजग गठबंधन से अलग हो गई थी.

अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एस केसीनेनी, तारिक अनवर, मल्लिकार्जुन खडगे समेत कुछ अन्य सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया है और अब वह इस नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं. अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों की संख्या 50 से अधिक है, इसलिये यह प्रस्ताव सदन में स्वीकार होता है.

Advertisement

कांग्रेस का आरोप

उधर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और हम बड़ी पार्टी थे, इसलिये इसे रखने का मौका हमें दिया जाना चाहिए था. इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमने नियमों के तहत काम किया है, जिन जिन सदस्यों ने नोटिस दिया था, उन सभी का उल्लेख किया और जिसने सबसे पहले रखा था, उन्हें प्रस्ताव रखने का मौका दिया. उन्होंने कहा कि अब किसी ने भी प्रस्ताव रखा, तो रख दिया, यह सब नियमों के तहत ही हुआ.

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने संसद के बाहर आकर कहा कि ऐसे अविश्वास प्रस्ताव को कोई मतलब नहीं है. सरकार के पास बहमुत है और शुक्रवार को वोटिंग के दौरान हम अपनी ताकत विपक्ष को दिखा देंगे. वहीं बीजेपी की ओर से व्हिप जारी किया गया है जिसमें सांसदों को शुक्रवार के दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है.

लोकसभा का गणित मोदी सरकार के फेवर में, सहयोगियों का होगा टेस्ट!

इन दलों का TDP को मिला साथ

टीडीपी के अलावा वाईएसआर कांग्रेस भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रही है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, एआईएडीएमके, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की घोषणा की है. मोदी सरकार के ख़िलाफ़ पहला अविश्वास प्रस्ताव है.

Advertisement

लिंचिंग रोकने के लिए मॉनसून सत्र में बने कानून

वहीं माकपा ने मांग की है कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर निर्दोष लोगों को मार डालने (मॉब लिंचिंग ) की घटनाओं पर रोक के लिये केन्द्र सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए संसद के मौजूदा सत्र में ही कानून बनाए. पार्टी ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवपेश पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमलावरों की पहचान भाजयुमो कार्यकर्ताओं के रूप में हुई है.

पहले दिन लोकसभा सामान्य कामकाज, 4 विधेयक पेश

मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शोर-शराबे को छोड़कर सामान्य ढंग से कामकाज हुआ. सदन में सरकार ने चार विधेयक पेश किये जिसमें मध्यस्थ और सुलह संशोधन विधेयक, व्यक्तियों का दुर्व्यापार निवारण, संरक्षण और पुनर्वास विधेयक, अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक और भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक शामिल हैं. लोकसभा में आज नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार दूसरा संशोधन विधेयक 2017 को भी चर्चा और पारित करने के लिये लिया गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement