चेन्नई में जब से ई. पलानीस्वामी और ओ. पन्नीरसेल्वम गुट एक हुए हैं तभी से तमिलनाडु की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ने टीटीवी. दिनाकरण के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. अब ई. पलानीस्वामी के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करने में मुश्किल हो सकती है. वहीं राजनीतिक पार्टियां तमिलनाडु के गवर्नर विद्यासागर राव से भी मुलाकात कर सकती हैं.
राजनाथ से मिले गवर्नर
तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि 20 मिनट की बैठक के दौरान राज्यपाल ने गृह मंत्री को दक्षिणी राज्य में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में बताया.
विपक्षी दल DMK फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर मद्रास हाईकोर्ट पहुंच गया है, वहीं कोर्ट ने बुधवार से पहले फ्लोर टेस्ट करने से मना कर दिया है. दूसरी तरफ, दिनाकरण गुट के अयोग्य घोषित किए जा चुके 18 विधायक भी फैसले पर स्टे के लिए कोर्ट जा सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो पलानीस्वामी के लिए खतरा हो सकता है.
अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो ई. पलानीस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए 108 का जादुई आंकड़ा चाहिए होगा. सूत्रों की मानें, तो दिनाकरण के पास कुल 21 विधायकों का समर्थन है जिसमें से 18 अयोग्य घोषित किए जा चुके हैं मतलब अब 3 विधायकों का ही वोट मान्य होगा.
डीएमके नेता मनु सुंदरम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मद्रास हाईकोर्ट फ्लोर टेस्ट की अनुमति देगा. हम गवर्नर से भी फ्लोर टेस्ट की अपील करेंगे.
अभी क्या है विधानसभा की स्थिति -
कुल संख्या - 234
पूर्व सीएम जयललिता की सीट को छोड़कर - 233, अगर टाई होता है तो स्पीकर वोट कर सकता है.
बहुमत के लिए जरुरी आंकड़ा - 108
ई. पलानीस्वामी-पन्नीरसेल्वम गुट के पास संख्या - 111 (स्पीकर समेत)
टीटीवी दिनाकरण गुट - 3 विधायक
डीएमके - 89
कांग्रेस - 8
IUML -1
निर्दलीय विधायक - 2
मोहित ग्रोवर