शशि थरूर बोले- सावरकर के हिंदुत्व में फिट नहीं बैठते मुस्लिम, यहूदी और पारसी

कांग्रेस नेता और लेखक शशि थरूर ने कहा कि गोलवलकर ने भारत के तौर पर सिर्फ हिंदुओं को ही देश का नागरिक माना, जबकि मुस्लिमों को भारत में जबरन घुसने वाला. इसी तरह सावरकर के हिंदुत्व में यहूदी, पारसी और मुस्लिम शामिल नहीं थे.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (फाइल-PTI) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (फाइल-PTI)

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:57 AM IST

  • स्वामी विवेकानंद का हिंदुत्व स्वीकारोक्ति पर आधारितः शशि
  • 'सावरकर के हिंदुत्व में यहूदी, पारसी और मुस्लिम शामिल नहीं'

राजधानी दिल्ली में किताब Why i am a hindu की लॉन्चिंग के अवसर पर चर्चा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किताब के लेखक शशि थरूर ने कहा कि सावरकार की हिंदू महासभा लाला लाजपतराय की हिंदू महासभा से पूरी तरह से अलग थी. सावरकर बौद्ध, जैन और सिख को इस पवित्र भूमि का हिस्सा तो मानते थे, लेकिन यहूदी, पारसी और मुस्लिम उनके विचार में फिट नहीं बैठते थे.

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उन्होंने कहा, 'पिछले 5-6 सालों में मैंने देखा कि जो सत्ता में है उन्होंने हिंदुत्व के उस संस्करण को लागू करने की कोशिश की जिसे मैं महत्व नहीं देता इसलिए ये नैतिक तौर पर जरूरी था जिसकी वजह से मैंने Why i am a hindu पुस्तक लिखी.'

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हिंदुत्व पर विवेकानंद के व्याख्यान को गलत तरीके से पेश किया गया है. विवेकानंद का हिंदुत्व सहिष्णुता और स्वीकारोक्ति दोनों की बात करता है.

उन्होंने कहा, 'स्वामी विवेकानंद का हिंदुत्व यह कहता है कि स्वीकारोक्ति होनी चाहिए. मेरे अनुसार मेरे विचार सही हैं. आपके अनुसार आपके विचार सही हैं. आप मेरे विचार का सम्मान करो मैं आपके विचारों का सम्मान करूं. यही है हिंदुत्व.'

तिलक का हिंदुत्व राजनीतिक विचारों से प्रेरितः शशि

बाल गंगाधर तिलक की हिंदुत्व विचारधारा पर शशि थरूर ने कहा कि तिलक का जो हिंदुत्व था, वह राजनीतिक विचारों से ज्यादा प्रेरित था ना कि धार्मिक तौर पर.

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शशि थरूर ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकार की हिंदू महासभा लाला लाजपतराय की हिंदू महासभा से अलग थी. हिंदुत्व पर सावरकर ने बहस की थी. वे बौद्ध, जैन और सिख को भी इस पवित्र भूमि का हिस्सा मानते थे, लेकिन यहूदी, पारसी और मुस्लिम सावरकर के आइडिया में फिट नहीं बैठते थे.

कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा कि एमएस गोलवलकर ने भारत के तौर पर सिर्फ हिंदुओं को देश का नागरिक माना, जबकि मुस्लिमों को भारत में जबरन घुसने वाला माना, इसलिए वे समझते थे कि गैर-हिंदुओं को वो अधिकार नहीं है जो हिंदुओं को है.

नेताओं के लिए ट्विटर महत्वपूर्ण माध्यमः शशि

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से गोलवलकर की तुलना के सवाल पर शशि थरूर ने कहा कि एमएस गोलवलकर को लोग गंभीरता से लेते हैं और यही बड़ा फर्क है.

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ट्विटर को माध्यम के तौर पर आंके जाने के सवाल पर शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के लिए ट्विटर एक महत्वपूर्ण माध्यम बना. मोदी के उदय में भी इसकी बड़ी भूमिका रही है. मोदी के अलावा दुनिया के अन्य नेताओं की वजह से यह संभव हो सका.

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उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ ट्वीट करके आप चुनाव नहीं जीत सकते. हमारे देश में अभी भी पारंपरिक तरीके से चुनाव प्रचार करने की जरूरत है, लेकिन अब इसमें कोई संदेह नहीं कि ट्विटर एक बड़ा प्लेयर है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सभी कैबिनेट मंत्रियों के लिए अनिवार्य कर दिया कि वे ट्विटर पर उपलब्ध रहें और एक्टिव भी रहें.

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