सीधी बात: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बोले- गोली चलेगी तो गुलदस्ता नहीं देंगे

आजतक के खास कार्यक्रम सीधी बात में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि सूबे में हालात सुधर रहे हैं. हालांकि अगर गोली चलेगी, तो गुलदस्ता नहीं दिया जाएगा. हां लेकिन कोशिश रहेगी कि गोली न चले.

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जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक

राम कृष्ण / श्वेता सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

आजतक के खास कार्यक्रम सीधी बात में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. मशहूर एंकर श्वेता सिंह के सवालों का जवाब देते हुए मलिक ने कहा, 'पीएम मोदी के एजेंडे में कश्मीर का विकास है. उन्होंने पीएम रहते हुए बाढ़ आने पर मदद के दरवाजे खोल दिए थे. इसके अलावा उन्होंने अपनी दीवाली भी वहीं मनाई थी. उन्होंने मुझे लोगों को भरोसा जीतने के लिए भेजा है. मैं वही काम कर रहा हूं.'

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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर हमें एक इंच भी भरोसा नहीं है. उनको भी हम पर भरोसा नहीं है. उनको हुर्रियत पर भी नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यहां के बच्चे सिर्फ तनाव में जी रहे हैं, उनका दिमाग संगीत और खेल में लगाना पड़ेगा, तभी हालात सुधर सकते हैं. कश्मीर के हालात से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि वह सबसे मुलाकात कर रहे हैं और हालात लगातार सुधर रहे हैं. हालांकि उन्होंने साफ किया कि अगर सूबे में गोली चलेगी, तो गुलदस्ता नहीं दिया जाएगा. हां लेकिन उनकी कोशिश रहेगी कि गोली न चले. मलिक ने कहा कि आतंकवाद बंदूक में नहीं दिमाग में है. इन्हें इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला. जब 10 साल के लड़के तक एलटीटी में भर्ती थे और एलटीटी को अलग मुल्क नहीं मिल पाया तो इन्हें कैसे मिलेगा?

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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मेरा मकसद लोगों तक पहुंचना है. उनकी सुनवाई होनी चाहिए. मेरे पास रात के दो बजे भी लोग आ सकते हैं. मैंने राजभवन 24 घंटे के लिए खोला हुआ है. मेरे पास रात में किसान और विद्यार्थी समेत अन्य मजबूर लोग आते रहते हैं. मैं पत्थरबाजों के पक्ष में नहीं हूं. मैंने पुलिस को आदेश दिया है कि कोई निरपराध बच्चा थाने में नहीं बैठना चाहिए. ज्यादती करने से लोग पत्थरबाज बनते हैं.

जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने को लेकर पूछे गए सवाल पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, 'महबूबा ने कहा कि बिना सिंबल के चुनाव करा दो तो हम शामिल हो जाएंगे. लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई. मैं बता दूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी दोनों पार्टियों के लोग चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बिना किसी सिंबल के. धारा 35A के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं जनता का नुमाइंदा नहीं हूं. मैं कैसे 35A पर फैसला कर सकता हूं. जब चुनी हुई सरकार आएगी तो वह इस पर फैसला करेगी.'

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'दूसरी जगह जो हिंसा होती है, उसे नहीं दिखाया जाता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर की हिंसा को दिखाया जाता है. हमारा मकसद कश्मीर की जनता को भरोसा दिलाना है कि दुनिया तुम्हारी दुश्मन नहीं है.'

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घाटी में विकास के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'कश्मीर में बहुत गरीबी है. खच्चर पर यात्रियों को ले जाने वाले के पास स्वेटर तक नहीं होता. कश्मीर पर ईमानदारी से रुपया लगा होता, तो कश्मीर सोने का हो जाता. मैं राज्यपाल बनने से पहले डेढ़ कमरे के मकान में रह रहा था. मुझे पीएम ने यह मौका दिया है. औसत कश्मीरी मानता है कि पाकिस्तान के साथ उसका भला नहीं होगा. उसका भला यहीं हिंदुस्तान में होगा, लेकिन वे मजबूर हैं और बोल नहीं सकते हैं. भारत का मुसलमान पूरी तरह हमारे साथ है. कैमरा देखकर आईएसआईएस का झंडा बाहर आ जाता है.'

मलिक ने कहा, 'जाकिर मूसा का सिद्धांत सबके सामने आ गया है. उसका मकसद कश्मीर की आजादी नहीं है. नाइकू कुछ नहीं है. पीपल और फोर्सेज में कोई टकराव नहीं है. बाढ़ में लोग सेना की तारीफ कर रहे थे. सुदूर क्षेत्रों में सेना हेल्थ कैंप लगा रही है और खेलों का आयोजन करवा रही है. आम आदमी सेना के खिलाफ नहीं है. मैं सेना का भी राज्यपाल हूं और लोगों का भी.'

उन्होंने कहा कि 2-3 महीने पब्लिक को अड्रेस किया है और लोगों को यह कहते हुए सुना है कि राज्यपाल हमारा आदमी है. आदमी चाहे तो एक दिन में सबको अपनी नीयत बता सकता है.

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