सुप्रीम कोर्ट ने 2 साल से ज्यादा की सजा पाने वाले सांसदों और विधायकों की सदस्यता तुरंत रद्द न होने पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. कोर्ट ने आयोग को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का वक्त दिया है.
याचिका में कार्रवाई में देरी पर सवाल
याचिकाकर्ता एनजीओ लोक प्रहरी ने कहा है कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में ऐसे जनप्रतिनिधियों को तुरंत अयोग्य करार देने का आदेश दिया था. लेकिन चुनाव आयोग विधानसभा सचिवालय से रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई करता है. जबकि विधानसभा सचिवालय की तरफ से अक्सर रिपोर्ट भेजने में देरी की जाती है.
गौरतलब है कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर किसी जनप्रतिनिधि को 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द होगी. याचिका में यूपी के पूर्व मंत्री कैलाश चौरसिया के मामले का भी हवाला दिया गया है. चौरसिया को एक मामले में 3 साल की सजा मिली थी लेकिन उन्हें सदस्यता से अयोग्य करार देने में काफी समय लगा था.
अमित कुमार दुबे / अहमद अजीम