मुलायम की छोटी बहू का बसपा सुप्रीमो पर करारा तंज, कहा- सम्मान नहीं पचा पाईं मायावती

समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा, 'हमने मायावती को सम्मान देने में कोई कमी नहीं रखी, लेकिन उन्होंने हमारे सम्मान की लाज नहीं रखी. वो समाजवादी पार्टी के सम्मान को पचा नहीं पाई हैं. वेदों में कहा है कि जो सम्मान नहीं पचा पाता है, वो अपमान भी नहीं पचा पाता है.'

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अपर्णा यादव (फाइल फोटो) अपर्णा यादव (फाइल फोटो)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 27 जून 2019,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक नतीजे न आने के बाद से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती समाजवादी पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगातार हमलावर हैं. हालांकि अखिलेश यादव अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं. अब समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने मायावती पर करारा तंज कसा है.

अपर्णा यादव ने कहा, 'हमने मायावती को सम्मान देने में कोई कमी नहीं रखी, लेकिन उन्होंने हमारे सम्मान की लाज नहीं रखी. वो समाजवादी पार्टी के सम्मान को पचा नहीं पाई हैं. वेदों में लिखा है कि जो सम्मान नहीं पचा पाता, वो अपमान भी नहीं पचा पाता.' आजतक से बातचीत में अपर्णा यादव ने कहा, 'मायावती से गठबंधन करने का फैसला पूरी तरह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का था.'

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अखिलेश यादव के फैसले से थोड़ी नाराजगी जताते हुए अपर्णा यादव ने कहा कि 'उन्होंने (अखिलेश यादव) इस गठबंधन का फैसला किससे सलाह लेकर किया था, यह वही बता सकते हैं. हालांकि मुलायम सिंह यादव बसपा से गठबंधन के फैसले से खुश थे या नहीं, इस पर मैं कुछ नहीं बोलना चाहती हूं.'

समाजवादियों को एकजुट होने की सलाह देते हुए अपर्णा ने कहा, 'अभी समाजवादी पार्टी के लिए बहुत बड़ी चुनौती है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी की सीटें बेहद कम आई हैं. अब समाजवादियों को एकजुट होना ही होगा. साथ ही पार्टी अपनी हार को लेकर चिंतन और मंथन करे.'

अपर्णा ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि समाजवादी पार्टी के सभी बड़े नेताओं को एक साथ आना चाहिए और वैचारिक मंथन करना चाहिए कि क्या वजह रही कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को इतनी बुरी हार का सामना करना पड़ा. इस पर बहुत जरूरी और बहुत जल्द निर्णय होना चाहिए. अभी बीजेपी की प्रचंड लहर है और लोग बीजेपी को पसंद कर रहे हैं, तो यह समाजवादी पार्टी के लिए खतरे की घंटी है.'

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