पाला बदलते ही बदले रीता बहुगुणा जोशी के सुर, अबतक मोदी पर किए हैं जमकर हमले

ये वही रीता बहुगुणा जोशी हैं जो अब से पहले पानी पी-पीकर मोदी को कोसती थीं और कांग्रेस उपाध्यक्ष की तारीफ करते नहीं थकतीं थीं. रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा चेहरा थीं.

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रीता बहुगुणा जोशी और अमित शाह रीता बहुगुणा जोशी और अमित शाह

कांग्रेस की सीनियर नेता रीता बहुगुणा जोशी ने बीजेपी ज्वाइन किया तो राहुल गांधी को जमकर कोसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. ये वही रीता बहुगुणा जोशी हैं जो अब से पहले पानी पी-पीकर मोदी को कोसती थीं और कांग्रेस उपाध्यक्ष की तारीफ करते नहीं थकतीं थीं. रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा चेहरा थीं. यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं रीता बहुगुणा जोशी आए दिन टीवी डिबेट में हिस्सा लेतीं. इस दौरान वो विपक्षी दल खासकर बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोलतीं. रीता सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं. उनकी ओर से तमाम ऐसे ट्वीट किए गए हैं जो बीजेपी, आरएसएस और नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहे हैं.

रीता बहुगुणा जोशी गुरुवार को दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गईं. रीता ने इस मौके पर सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर राहुल गांधी के बयान की आलोचना की और कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ अच्छा काम किया है. रीता के पाला बदलने पर कांग्रेस ने नेताओं ने उनपर हमले किए ही, ट्विटर पर भी वो चर्चा का विषय बन गईं. हम यहां रीता बहुगुणा जोशी के कुछ ऐसे बयान आपके सामने रखने जा रहे हैं जो उन्होंने कांग्रेस की नेता रहते हुए पीएम मोदी के खि‍लाफ दिए थे.

16 अप्रैल 2015: पीएम ने टोरंटो में 'स्कैम इंडिया' का बयान देकर देश की बेइज्जती की है. यह बेहद शर्मनाक और आपत्त‍िजनक है. मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए.

24 जून 2015: मिस्टर पीएम, वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई हुई, इसका क्या सबूत है? बीजेपी का रुख पूरी तरह एक्सपोज हो गया. दोहरा मानदंड.

14 जुलाई 2015: मोदी के आलोचकों को परेशान किया जा रहा है. ताजा उदाहरण तीस्ता सीतलवाड़ पर सीबीआई की रेड है. क्या हम तानाशाही के युग में रह रहे हैं.

14 जुलाई 2015: पांच साल में अच्छे दिन. 10 साल में अच्छे दिन. नहीं, 25 साल में अच्छे दिन. मिस्टर मोदी और मिस्टर शाह, आप एक बार जनता को उल्लू बना सकते हैं, बार-बार नहीं. आपलोग एक्सपोज हो गए हैं.

7 नवंबर 2015: अनुपम खेर एक्सपोज हो गए हैं. बीजेपी कार्यकर्ता सियासी नारे लगाते हुए ज्वाइन किए. खेर मोदी सरकार की तकरार वाली नीति की अगुवाई कर रहे हैं.

8 नवंबर 2015: बिहार चुनाव का जनादेश देश की धर्मनिरपेक्षता की जीत है. मोदी का गुमान और बीजेपी और आरएसएस का सांप्रदायिक एजेंडा चकनाचूर हो गया है.

8 नवंबर 2015: बिहार ने महान जनादेश दिया है. इसने बीजेपी के सांप्रदायिक एजेंडे को नकार दिया है. यह मोदी की हार है.

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