भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए रविवार को कहा कि केंद्रीय बैंक पुराने बड़े नोटों पर पाबंदी से उत्पन्न स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा कर रहा है और नागरिकों की वास्तविक तकलीफ को दूर करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है.
आरबीआई प्रमुख ने कहा कि उनकी कोशिश है कि हालात जल्द से जल्द सामान्य हों. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोट पर पाबंदी के बाद स्थिति की दैनिक आधार पर समीक्षा की जा रही है और डिमांड पूरी करने के लिए नोटों की छपाई जारी है.
उर्जित पटेल ने नागरिकों से भुगतान के लिए डेबिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट जैसे नकद विकल्पों का उपयोग करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इससे लेन-देन सस्ता तथा आसान होगा. इससे आगे चलकर भारत को विकसित देशों की तरह नकदी के कम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, हम बैंकों से व्यपारियों के बीच पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों को बढ़ावा देने का अनुरोध कर रहे हैं. ताकि डेबिट कार्ड का उपयोग ज्यादा प्रचलित हो.
रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गए कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए उर्जित पटेल ने कहा, आरबीआई और सरकार दोनों ही मुद्रण कारखानों को पूरी क्षमता से चलवा रहे हैं. ताकि मांग को पूरा करने के लिए नये नोट उपलब्ध हों. उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक हर दिन बैंकों से बातचीत कर रहा है. वे हमें बता रहे हैं स्थिति धीरे-धीरे सहज हो रही है. शाखाओं और एटीएम पर कतारें छोटी हो रही हैं. दैनिक उपभोग की वस्तुओं की किसी कमी की रिपोर्ट नहीं है. पटेल ने कहा कि साथ ही करीब 40,000 से 50,000 लोगों को एटीएम में जरूरी सुधार के लिए लगाया गया है. मुद्रा उपलब्ध है. बैंक रुपये को उठाने तथा उसे अपनी शाखाओं एवं एटीएम में पहुंचाने के लिए मिशन के रूप में काम कर रहे हैं. सभी बैंकों के कर्मचारियों ने बड़ी मेहनत की है. हम सभी उनके अभारी हैं.
उन्होंने कहा कि लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर नई मुद्रा का आकार और कागज की मोटाई में पुराने से अलग क्यों है. इसका कारण यह है कि नई मुद्रा का डिजाइन इस रूप से बनाया गया है कि इसकी नकल मुश्किल हो. जब आप इस पैमाने पर बदलाव के लिए कदम उठा रहे हैं, आपको अच्छे से अच्छे मानदंड अपनाने की जरूरत होती है.
सना जैदी