देश ने जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती मनाई, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके जीवन से जुड़े कई रोचक और यादगार किस्से साझा किए. इन किस्सों के जरिए वाजपेयी का वह पक्ष सामने आया, जो उनके गंभीर राजनेता वाले व्यक्तित्व के साथ साथ उनके बेहतरीन हास्य और हाजिरजवाबी को भी दिखाता है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि वाजपेयी केवल एक बड़े राजनेता ही नहीं थे, बल्कि उनमें गहरी समझ, व्यंग्य और सटीक जवाब देने की अद्भुत क्षमता थी. उन्होंने वाजपेयी के कार्यकाल के एक अहम पल का जिक्र किया, जब फरवरी 1999 में वाजपेयी पाकिस्तान गए थे. इस यात्रा को लाहौर बस यात्रा के नाम से जाना जाता है. इसी दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच परमाणु परीक्षणों के बाद बढ़े तनाव को कम करना था.
लाहौर बस यात्रा और वाजपेयी की कूटनीतिक हाजिरजवाबी
एक कार्यक्रम में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने उस यात्रा से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में वाजपेयी के भाषण से प्रभावित होकर एक अविवाहित पाकिस्तानी महिला ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दे दिया था. महिला ने मजाकिया अंदाज में कहा था कि वह शादी के बदले कश्मीर चाहती है.
राजनाथ सिंह के अनुसार, महिला ने वाजपेयी से पूछा था कि क्या वह उससे शादी करेंगे और बदले में कश्मीर देंगे. इस पर वाजपेयी ने अपनी खास शैली में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वह शादी के लिए तैयार हैं, लेकिन दहेज में उन्हें पूरा पाकिस्तान चाहिए. राजनाथ सिंह ने कहा कि वाजपेयी का यह जवाब उनके हास्य के साथ साथ कश्मीर मुद्दे पर उनकी अडिग सोच को भी दर्शाता है.
शादी का प्रस्ताव और कश्मीर पर मुस्कान भरा जवाब
राजनाथ सिंह ने वाजपेयी के जीवन से जुड़ा एक और किस्सा साझा किया, जो आपातकाल के समय का है. उस दौर में वाजपेयी को हिरासत में रखा गया था. उन्हें तेज कमर दर्द की शिकायत थी, जिसके चलते उन्हें एम्स ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उनसे पूछा कि क्या झुकने की वजह से उनकी कमर में दर्द हुआ है. इस पर वाजपेयी ने मुस्कराते हुए कहा कि उन्हें जीवन में झुकना नहीं आता, शायद कहीं मुड़ गए होंगे.
इसके अलावा राजनाथ सिंह ने वर्ष 2006 का भी जिक्र किया, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी. उस समय इराक ऑयल फॉर फूड घोटाले को लेकर राजनीतिक हलचल मची थी और तत्कालीन विदेश मंत्री नटवर सिंह को पद छोड़ना पड़ा था. कुछ पत्रकारों ने वाजपेयी से पूछा कि क्या नटवर सिंह को कांग्रेस को बचाने के लिए बलि का बकरा बनाया गया. इस सवाल पर वाजपेयी ने छोटा लेकिन तीखा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वह शाकाहारी हैं.
आपातकाल के दिनों में भी नहीं छोड़ा व्यंग्य का अंदाज
राजनाथ सिंह ने कहा कि वाजपेयी की ये प्रतिक्रियाएं दिखाती हैं कि वह कितनी सहजता से गंभीर मुद्दों पर भी अपनी बात रख देते थे. भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था. वह 93 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी संक्रमण और सीने में जकड़न की बीमारी से जूझ रहे थे.
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