प्रियंका गांधी ने उनके बंगले को लेकर उठे विवाद पर पहली बार सफाई दी है. प्रियंका ने अपनी सफाई में कहा कि एसपीजी ने उन्हें दिल्ली के लुटियन्स जोन के सरकारी बंगले में रहने को कहा था. जिस वजह से उन्होंने उस समय की तत्कालिक सरकार को इस मसले को लेकर चिट्ठी लिखी थी. प्रियंका की मानें तो वो छोटे बंगले में जाना चाहती थीं लेकिन एसपीजी से उन्हें सरकारी बंगले में ही रहने को कहा था और बंगले का किराया अचानक बढ़ा दिया गया था.
RTI के जरिये हुआ मामले का खुलासा
वहीं इस मामले को लेकर एक आरटीआई कार्यकर्ता का दावा है कि 2002 में प्रियंका गांधी ने चिट्टी लिखकर बंगले का किराया कम करवाया था. प्रियंका ने इसको लेकर 7 मई 2002 में वाजपेयी सरकार को चिट्ठी लिखी थी. जिसमें बंगले का बढ़ा किराया देने में असमर्थता जताई थी. जिसके बाद सरकार ने बंगले का किराया 8,888 रुपये कर दिया गया था. हालांकि प्रियंका को करीब 3 हजार स्कॉवयर फीट के इस बंगले के लिए 53 हजार रुपए देने को कहा गया था.
एसपीजी की वजह से सरकार को लिखी चिट्ठी
प्रियंका गांधी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि लुटियन्स जोन में मौजूद उनके सरकारी बंगले का किराया अचानक 90 फीसदी तक बढ़ा दिया गया था. और एसपीजी ने सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी बंगले में ही रखने को कहा था. जिसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर मौजूदा केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी. प्रियंका की मानें तो उन्होंने बंगले का किराया हमेशा एडवांस पेमेंट किया है. प्रियंका गांधी को दिसंबर 1996 से एसपीजी की सुरक्षा मिली हुई है.
अमित कुमार दुबे