PSE: मोदी की अगुवाई में NDA के दोबारा सत्ता में आने की कितनी संभावना

एक्सिस माई इंडिया की ओर से इंडिया टुडे के लिए कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) ने जुटाए आंकड़े और पता करने की कोशिश की कि देश के गठबंधनों एनडीए, यूपीए और महागठबंधन में से कौन नई सरकार बनाने जा रहा है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Photo: PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Photo: PTI)

राहुल झारिया / खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

देश की नई सरकार कौन बनाने जा रहा है? इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के विश्लेषण से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए के दोबारा सत्ता में आने की संभावना दो में से एक यानी आधी है. यह अध्ययन पिछले छह महीनों में एक्सिस-माय-इंडिया के पीएसई ट्रैकर्स से जुटाए गए डेटा पर आधारित है.

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मई 2019 में कौन अगली सरकार का नेतृत्व कर सकता है. ये जानने चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टिट्यूट के निदेशक और जाने-माने सांख्यिकीविद (statistician) राजीव करंदीकर ने इन विस्तृत आंकड़ों की जांच.

राजीव ने अनुमान लगाया कि नई लोकसभा में बहुमत हासिल करने के लिए एनडीए 50 फीसदी संभावना कायम रखने में कामयाब रहा है.

250 से ज्यादा की 3/4 संभावाना

विश्लेषण के मुताबिक, 543 सीटों वाली लोकसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के 250 से ज्यादा का आंकड़ा पार करने की संभावना तीन चौथाई है.

करंदीकर की स्टडी दिखलाती है कि एनडीए का 220 सीट से नीचे रहने की संभावना 9 फीसदी है

अपने विश्लेषण में इस्तेमाल मेथडोलॉजी पर राजीव का कहना है कि जो लोग  नरेंद्र मोदी को अपनी पसंद बताते हैं वे कांग्रेस को वोट नहीं देंगे. और जो लोग राहुल गांधी को अपना पसंदीदा बताते हैं, वे बीजेपी को वोट नहीं देंगे.

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आगे वे समझाते हैं कि दोनों मुख्य राष्ट्रीय दलों के बीच सीधी टक्कर रखने वाले राज्यों में मतदाता बजाय उम्मीदवार के, उनका अपने पसंदीदा पीएम के चेहरे के पक्ष में वोट देने की सबसे ज्यादा संभावना है.

उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी या कांग्रेस के बजाय क्षेत्रीय खिलाड़ियों का जोर है, वहां पर उम्मीदवार को देखते हुए वोटिंग करने और प्रधानमंत्री की पसंद के लिए तरजीह में फर्क हो सकता है.

राजनैतिक वैज्ञानिक नीलांजन सरकार का मानना है कि, 'संख्या को देखते हुए एनडीए यूपीए से काफी आगे है.

साथ ही सरकार आगाह भी करते है, लेकिन चुनौती है कि क्या किसी नेता की लोकप्रियता असल जमीन पर अपने उम्मीदवारों के लिए वोटों में तब्दील हो सकती है.

इस प्रोबेलिटी एनालिसिस ने महागठबंधन के सत्ता में आने की संभावना का भी तुलनात्मक अध्ययन किया.

आकलन के लिए समाजवादी पार्टी, बीएसपी, आरएलडी, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, टीडीपी, लेफ्ट और निर्दलीय के नंबर यूपीए के नंबर में जोड़े गए हैं.

महागठबंधन को मिल सकता है 16% बहुमत

रिपोर्ट में दिखाया गया है कि महागठबंधन को बहुमत मिलने की 16 प्रतिशत संभावना है और विश्लेषण के मुताबिक, इस विपक्ष के महागठबंधन के 250का आंकड़ा पार करने की संभावना 34 प्रतिशत है.

सत्तारूढ़ गठबंधन के पास सत्ता बरकरार रखने के लिए 50 फीसदी संभावना होने का अनुमान है. वहीं महागठबंधन तब 'गंभीर खिलाड़ी' साबित हो सकता है.

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