शुक्रवार को वर्ल्ड बायो फ्यूल डे के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से 10 जैव ईंधन रिफाइनरी लगाने की योजना बनाई गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम कचरे से बायो-सीएनजी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. भारत नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन के साथ-साथ जैवईंधन के उत्पादन पर भी बल दे रहा है ताकि कच्चे तेल के आयात पर होने वाले मोटे खर्च को कम किया जा सके.
पीएम मोदी के मुताबिक, ‘एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम वाजपेयी सरकार के समय शुरू किया गया था, लेकिन पिछली सरकारों ने एथेनॉल कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया. अब हम अगले चार साल में 450 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन करेंगे जो इस समय 141 करोड़ लीटर है. इससे आयात में 12,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सीएनजी के काफी इस्तेमाल को देखते हुए हम सीएनजी के आयात को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. जल्द ही हमें गांवों में सीएनजी से चलने वाली गाड़ियां नजर आएगी.'
गौरतलब है कि अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए भारत को 80 प्रतिशत खनिज तेल आयात करना पड़ता है.
उन्होंने यह भी कहा कि देश में 175 गैस-सीएनजी संयंत्र लगाए जा चुके हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग सड़कों पर जल्दी ही इस ईंधन से चलने वाले वाहन दौड़ते देखेंगे. मोदी ने कहा कि इसमें से प्रत्येक रिफायनरी 1000-1500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगी.
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'खेती से निकलने वाले वाले कचरे से एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा, जिससे कृृषि आधारित अपशिष्ट भी कम होगा.' इस अवसर पर उन्होंने देश में किसानों की आय बढ़ाने की अपनी सरकार की पहलों का भी उल्लेख करते हुए कहा, 'सरकार ने 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का 1.5 गुना तय किया है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर जैवईंधन की 12 रिफायनरी स्थापित करने की योजना बनाई गई है. सरकार 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करेगी और इसे बढ़ाकर 2030 तक 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. मोदी ने कहा कि इसमें से प्रत्येक रिफायनरी 1000-1500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगी।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर परियोजनाओं को पर्यावरण विभाग की मंजूरी के काम में तेजी लाने के लिए तैयार किए गए वेब पोर्टल 'परिवेश' का उद्घाटन किया. मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति का अनावरण भी किया.
राहुल झारिया