केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार (12 फरवरी) को यूपी के मुरादाबाद में किसान महापंचायत बुलाई गई है. इस किसान महापंचायत को नरेश टिकैत संबोधित करेंगे. नरेश टिकैत किसान नेता राकेश टिकैत के भाई हैं. मुरादाबाद की विधानसभा बिलारी के गन्ना सोसाइटी में किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी.
दावा किया जा रहा है कि कल मुरादाबाद में होने वाली इस किसान महापंचायत में हज़ारों की तादाद में किसान पहुंचेंगे. शुक्रवार दोपहर 12 बजे नरेश टिकैत महापंचायत में पहुंचेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों को लेकर पीएम के सदन में दिए गए बयान की निंदा की. किसान मोर्चा ने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ किसान महापंचायतों का दौर जारी रहेगा. आज पंजाब के जगराओं में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया. किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर सीसीटीवी लगाने के हरियाणा सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया. आने वाले समय में पूरे देश में किसान महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा. राज्यवार महापंचायतों के कार्यक्रमों की योजना बन रही है.
18 फरवरी को रेल का चक्का जाम
उधर, किसान मजदूर संघर्ष समिति ने अपने बयान में कहा कि बातचीत की मेज पर बैठने से पहले बातचीत का माहौल बनाया जाना चाहिए. सरकार को गिरफ्तार किसानों को बिना शर्त रिहा करना चाहिए. बैरिकेडिंग को हटाना चाहिए. सिंघु बॉर्डर पर दोनों तरफ आवाजाही बहाल की जानी चाहिए. 18 फरवरी को रेल का चक्का जाम होगा, इसमें लाखों लोग हिस्सा लेंगे. यही नहीं 12 फरवरी को राजस्थान में टोल फ्री किए जाएंगे.
किसान मजदूर संघर्ष समिति ने कहा कि मोदी की सरकार लोगों की जिम्मेदारी से दूर भाग गई है. लोकतंत्र की पवित्रता किसान और आम आदमी की आवाज का सम्मान करने में निहित है. प्रधानमंत्री एक तरफ यह दावा करते हैं कि कृषि कानून अच्छे हैं और इसकी खूबियों को बता रह हैं, जबकि दूसरी तरफ इन कानूनों के डेढ़ साल तक लागू ना करने का भरोसा दे रहे हैं. किसान मजदूर संघर्ष समिति में पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, राज्य महासचिव सरवन सिंह पंधेर, जसबीर सिंह पिद्दी और सुखविंदर सिंह सभरा आदि मौजूद रहे.
योगेंद्र यादव का बयान
वहीं योगेंद्र यादव ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस सांसद और बीजेपी नेताओं द्वारा मेरे विरुद्ध चलाए जा रहे चरित्र हनन अभियान का पर्दाफाश जरूरी है. यादव ने कहा कि कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने लोकसभा में संसदीय विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए मेरा नाम लेकर मुझ पर अनर्गल, आधारहीन और दुष्प्रेरित आरोप लगाए हैं. जब अधीर रंजन चौधरी ने इन आरोपों से पार्टी को अलग कर लिया तो बीजेपी नेता और ट्रोल आर्मी ने इस चरित्र हनन अभियान की कमान संभाल ली.
आंदोलन को बदनाम करने के सजिश
योगेंद्र यादव ने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली को लेकर सभी जानकारी दिल्ली पुलिस को थी. फिर भी उनको रोकने के कोई पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किए गए. लाल क़िला में जो उपद्रव और बेहूदा हरकतें की गयीं उसकी संयुक्त किसान मोर्चा और मैंने तत्काल आलोचना और निंदा की. उसी वक्त शांति की अपील की और ट्रैक्टर परेड रोक देने का फैसला किया. लेकिन सरकार ने पूरी जानकारी होते हुए भी जानबूझ कर इस आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया और किसान नेताओं को आरोपित किया.
यादव ने कहा कि मैं दिल्ली पुलिस से मांग करता हूं कि अगर उन्हें 26 जनवरी की घटनाओं में मेरी संलिप्तता का कोई प्रमाण है तो उसे सार्वजनिक करें. साथ ही उस दिन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई मेरी बातचीत का लॉग और ब्यौरा सार्वजनिक करें.
शरद गौतम / कमलजीत संधू / राम किंकर सिंह / पॉलोमी साहा