मोदी सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने की जगह विपक्ष से पूछेगी सवाल!

सूत्रों की मानें तो सरकार की तरफ से साफ कर दिया जाएगा जो वादे यूपीए सरकार ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय किए थे मोदी सरकार ने उससे ज़्यादा काम आंध्र प्रादेश और तेलंगाना के लिए किए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

सना जैदी / हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विपक्ष की मोदी सरकार के खिलाफ चार वर्षों में पहले अविश्वास प्रस्ताव की मांग को मानकर विपक्ष की उस रणनीति को धराशायी कर दिया कि बजट सत्र की तरह मॉनसून सत्र को भी हंगामे की भेंट चढ़ा दिया जाए.

पीएम मोदी ने बुधवार को कहा था कि उनकी सरकार हर मुद्दे पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है, उसके बाद सरकार ने तय किया संसद के सत्र को हंगामे की भेंट नहीं चढ़ने देगी. मोदी सरकार के रणनीतिकारों को पता है कि सरकार के पास बहुमत से कहीं ज़्यादा नंबर हैं. इसलिए इस अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार गिरनी तो दूर की बात है हिल भी नहीं सकती.

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सरकार ने इन मुद्दों का किया निवारण

सूत्रों की मानें तो अविश्वास प्रस्ताव को सरकार विपक्ष के खिलाफ एक बड़े राजनैतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेंगी. बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि खरीफ की फसल पर डेढ़ गुना एमएसपी बढ़ाकर, गन्ना किसानों के 8 हज़ार करोड़ रुपये के कर्ज़ माफ़ी को कैबिनेट से पास करके, गन्ना किसानों के लिए कैबिनेट ने राहत दी और गन्ने की एफआरपी को 255 रुपये से बढ़ाकर 275 रुपये कर दिया. लगातार बढ़े रही पेट्रोल और डीज़ल के क़ीमतों पर लगाम लगाकर जनता से जुड़े आधे से ज़्यादा मुद्दों को संसद सत्र शुरू होने से पहले ही उनका निराकरण कर विपक्ष को मुद्दा विहीन कर दिया है.

जिस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी वो आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने पर बीजेपी के रणनीतिकारों ने इस पर टीडीपी और कांग्रेस दोनों पर पलटवार करने आक्रामक रणनीति तैयार कर ली है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी-टीडीपी विशेष राज्य के दर्जे पर सीधा जवाब देंगी कि सरकार उनको विशेष राज्य के दर्जे, जो राशि उन्हें केंद्र सरकार से मिलनी चाहिए उससे कहीं अधिक 22 हज़ार करोड़ रुपये को तैयार थी. साथ ही आंध्र प्रदेश के विकास के लिए कई योजनाओं के मदद का प्रस्ताव मोदी सरकार की तरफ से रखा गया था. सूत्रों की मानें तो सरकार की तरफ से साफ कर दिया जाएगा जो वादे यूपीए सरकार ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय किए थे मोदी सरकार ने उससे ज़्यादा काम आंध्र प्रादेश और तेलंगाना के लिए किए हैं.

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इन मुद्दों ने बीजेपी को विपक्ष के खिलाफ बोलने का दिया मौका

बीजेपी इस अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस को ट्रिपल तलाक़, निकाह, हलाला, शशि थरूर के हिंदू पाकिस्तानी और राहुल गांधी के बयान जिसमें उन्होंने ने कहा था कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है, जैसे मुद्दों पर सवाल पूछेगी. वो देश को बताएं कि इन मुद्दों पर उनकी पार्टी की क्या राय है. इस अविश्वास प्रस्ताव को बीजेपी ने विपक्ष के ख़िलाफ बोलने का अच्छा मंच दे दिया है.

सूत्रों की मानें तो इस अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी अंतिम वक़्ता होंगे. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अविश्वास प्रस्ताव पर बोल सकती हैं. बीजेपी की इस बात की चिंता है कि शिवसेना अंतिम समय में सदन से वॉकआउट करके कहीं सरकार की फज़ियत ना करा दे.

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