केरल के 'खेमका': सरकार की आलोचना पर अफसर को किया गया सस्पेंड

उन्होंने कहा कि लोग आज डरे हुए हैं, इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ नहीं उठा पा रहे हैं. जो भी आवाज़ उठाते हैं उन्हें जबरदस्ती चुप करा दिया जाता है.

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जैकब थोमस जैकब थोमस

मोहित ग्रोवर

  • केरल,
  • 20 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

केरल की पिनरई विजयन सरकार एक बार फिर चर्चा में है. केरल सरकार ने एक अधिकारी को सिर्फ इसलिए सस्पेंड कर दिया चूंकि उन्होंने सरकार की आलोचना की थी. कुछ दिनों पहले ही डीजीपी जैकब थोमस ने एक सेमिनार में ओखी तूफान के कारण कई लोगों को मुश्किल पहुंची लेकिन सरकार सही तरीके से बचाव कार्य नहीं कर पाई.

डीजीपी जैकब थोमस पूर्व विजिलेंस डॉयरेक्टर हैं. ओखी के कारण कितने मछुआरे लापता हुए हैं इसका किसी को नहीं पता नहीं है. सरकार का रवैया भी गैर जिम्मेदाराना रहा है. लेकिन अमीर लोगों के लिए स्थिति कुछ और ही है.

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उन्होंने कहा कि लोग आज डरे हुए हैं, इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ नहीं उठा पा रहे हैं. जो भी आवाज़ उठाते हैं उन्हें जबरदस्ती चुप करा दिया जाता है. उन्होंने इस दौरान राज्य में हो रही हत्याओं का भी जिक्र किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री दफ्तर से अधिकारी के सस्पेंड करने का आदेश दिया गया था.

बता दें कि थोमस की छवि राज्य में एक ईमानदार अफसर की है. उन्होंने राज्य के बार स्कैम को उजागर किया था, जिसमें कई मंत्री भी शामिल थे. थोमस के सख्त रवैये के कारण ही उन्हें मंत्री पद भी छोड़ना पड़ा था. जिसके बाद उनका तबादला भी किया गया था और विभाग बदल दिया गया था.

गौरतलब है कि इस तरह किसी अधिकारी का सरकार पर सवाल खड़े करने के बाद तबादला होना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी हरियाणा के अशोक खेमका को कई बार तबादले का सामना करना पड़ा है. उनके लगभग 50 से ज्यादा ट्रांसफर हो चुके हैं.

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