देवगौड़ा बोले- गठबंधन 'धर्म' का उल्लंघन कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार के अंत

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस दोनों पार्टियों के नेता लगातार बयान बाजी कर रहे हैं. ऐसे में जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक में किसी भी सहयोगी की ओर से गठबंधन 'धर्म' का उल्लंघन  हुआ तो कांग्रेस-जेडीएस सरकार के अंत का कारण बनेगा.

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एचडी देवगौड़ा (फोटो-PTI) एचडी देवगौड़ा (फोटो-PTI)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक में किसी भी सहयोगी की ओर से गठबंधन 'धर्म' का उल्लंघन  हुआ तो कांग्रेस-जेडीएस सरकार के अंत का कारण बनेगा. इससे कर्नाटक में सांप्रदायिक ताकतों को लाभ पहुंचेगा.

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि अगर किसी ने भी सोचा कि वह श्रेष्ठ है या गठबंधन सहयोगी पर हावी होने की सोचता है तो ये सही नहीं है. इतना ही नहीं कोई भी सहयोगी दल गठबंधन धर्म का उल्लंधन करता है तो यह विनाशकारी होगा. इससे राज्य में सांप्रदायिक शक्तियों को लाभ मिलेगा.

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उन्होंने कहा कि कर्नाटक में सांप्रदायिक ताकतों को किनारे रखने के लिए ही गठबंधन किया गया है. राज्य सरकार को सुचारू रूप से चलाने के लिए कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) दोनों ही एक फॉर्मूले पर काम कर रही हैं.

देवगौड़ा का यह बयान जेडीएस के वरिष्ठ नेता बासवराज होराती के उन आरोपों के मद्देनजर आया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर गठबंधन धर्म का उल्लंघन करने और मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को शांति से कामकाज नहीं करने देने का आरोप लगाया था. हालांकि, देवगौड़ा ने होराती के बयान के लेकर पूछे गए सवाल को तवज्जो नहीं दिया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री गठबंधन सरकार चलाने के प्रति अनिच्छुक थे.

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि सिद्धरमैया की वह मंशा थी. देखिये, वह पांच साल के लिए मुख्यमंत्री थे. स्वाभाविक है कि वह अपने कार्यक्रमों को लागू करना पसंद करेंगे और कुछ को इस पर आपत्ति हो सकती है. यह सब नाटकीय हालात में हुआ और सभी पार्टियों में होता है.'

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होराती कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन समन्वय समिति के प्रमुख हैं. उन्होंने सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वह सरकार को सुचारू तरीके से चलाने के प्रति अनिच्छुक थे.

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