प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराने के बाद देशवासियों को संबोधित किया. देश में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से छोटे परिवार की अपील की.
उन्होंने कहा कि छोटा परिवार रखना भी देशभक्ति है. हालांकि मोदी से पहले 70 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे और कांग्रेस नेता संजय गांधी ने देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए नसबंदी अभियान चलाया था, जिसे लेकर काफी सवाल उठे थे.
देश में जनसंख्या विस्फोट को लेकर पीएम मोदी चिंतित दिखे. उन्होंने जनसंख्या पर अंकुश लगाने में देशवासियों से सहयोग करने की अपील की. पीएम ने कहा, 'हमारे यहां जो बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट हो रहा है. यह जनसंख्या विस्फोट हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए अनेक संकट पैदा कर सकता है.'
पीएम ने कहा, 'बच्चे के जन्म से पहले उसकी जरूरत के बारे में जरूर सोचें. शिक्षित वर्ग ऐसा ही करता है. उन्होंने कहा कि यह बात भी माननी होगी कि देश में एक जागरूक वर्ग भी है जो इस बात को अच्छे से समझता है. यह वर्ग इससे होने वाली समस्याओं को समझते हुए अपने परिवार को सीमित रखता है. ये अपने घर में शिशु को जन्म देने से पहले भली भांति सोचता है कि मैं उसके साथ न्याय कर पाऊंगा. स्वयं प्रेरणा से अगर आप परिवार सीमित रखते हैं तो न सिर्फ आपका बल्कि देश का भी भला होता है और यह भी एक तरह की देशभक्ति है.
'सीमित परिवार वाले सम्मान के पात्र'
पीएम मोदी ने कहा, 'सीमित परिवारों से न सिर्फ खुद का बल्कि देश का भी भला होने वाला है. जो लोग सीमित परिवार के फायदे को समझा रहे हैं वे सम्मान के पात्र हैं. घर में बच्चे के आने से पहले सबको सोचना चाहिए कि क्या हम उसके लिए तैयार हैं.' मोदी ने देश में आबादी नियंत्रण के लिए छोटे परिवार पर जोर दिया और कहा कि आबादी समृद्ध हो, शिक्षित हो तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.
पीएम ने जनसंख्या विस्फोट को शिक्षा और रोजगार से भी जोड़ा. उन्होंने कहा कि आबादी को शिक्षित और स्वस्थ रखना जरूरी है. हम अशिक्षित समाज के बारे में नहीं सोच सकते हैं. ऐसे में परिवार छोटा होगा तो ये चीजें आसान होंगी. जिनका छोटा परिवार है, उनसे सीखने की जरूरत है. इस दौरान पीएम मोदी ने माना कि जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर भी जागरूकता कार्यक्रमों की जरूरत है.
संजय गांधी ने चलाया था नसबंदी अभियान
बता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लागू किया तो उनके बेटे संजय गांधी ने जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया था. सरकार और पुलिस अधिकारियों के लिए नसबंदी का कोटा तय कर दिया गया था कि कम से कम इतने लोगों की नसबंदी होनी ही चाहिए. नतीजा ये कि गांव हो या शहर हर जगह लोगों की जबरन नसबंदी की खबरें आईं थी. एक साल के भीतर ही लगभग 62 लाख लोगों की नसबंदी की गई थी.
संजय गांधी के परिवार नियोजन के तरीके को लेकर काफी सवाल खड़े हुए थे. इसका नतीजा था कि 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद केंद्र की किसी भी सरकार की नसबंदी अभियान को उस पैमाने पर लागू करने की हिम्मत नहीं हो सकी है. ऐसे में अब देखना है कि मोदी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए कैसे कदम उठाती है?
कुबूल अहमद