Google Doodle: कोरोना के कहर के बीच गूगल क्यों कर रहा Dr. Ignaz Semmelweis को याद?

Google ने Doodle बनाकर डॉ. इग्नाज सेमेल्विस (Dr. Ignaz Semmelweis) को याद किया है. आइए जानते हैं कौन थे सेमेल्विस और आज कोरोना वायरस के समय में उनको याद करना सबसे अहम क्यों है?

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Google Doodle Dr. Ignaz Semmelweis Google Doodle Dr. Ignaz Semmelweis

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 9:16 AM IST

आज जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से बचने के उपाय खोजने में जुटी है, तब Google ने एक बेहद खास व्यक्ति को डूडल बनाकर याद किया है. ये शख्स हैं डॉ. इग्नाज सेमेल्विस (Dr. Ignaz Semmelweis). इनकी तस्वीर Google Doodle में हाथ धोने के तरीकों के साथ देखी जा सकती है. गूगल ने इनका एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें हाथ धोने के तरीकों के बारे में दिखाया गया है.

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गूगल क्यों कर रहा डॉ. इग्नाज सेमेल्विस को याद?

कोरोना से बचने को लेकर आज पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बताई जाने वाली बात है, अपने हाथ साफ रखें, समय-समय पर उसे धोते रहें. उसे 20 से 40 सेकेंड तक अच्छे से धोएं. इससे आप बैक्टीरिया और वायरसों को शरीर के भीतर जाने से रोक सकते हैं. लेकिन 19वीं सदी में यह बात किसी को पता नहीं थी कि हाथ में मौजूद इन जीवाणुओं और विषाणुओं से बीमारियां फैलती हैं. डॉक्टर भी हाथ नहीं धोते थे, तब एक शख्स ने हाथ धोने के फायदों की खोज की और लगातार हो रही मौत पर रोक लगाने में सफलता हासिल की.

हाथ धोने की प्रथा की शुरुआत

दरअसल, 19वीं सदी के मध्य में एक ऐसा दौर आया जब एक अज्ञात बीमारी से लोग तेजी से मौत के मुंह में समा रहे थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय समाज में हाथ धोने की प्रथा नहीं थी. यहां तक की डॉक्टर भी हाथ नहीं धोते थे. डॉ. इग्नाज सेमेल्विस ने देखा कि मां बनने वाली औरतें और नवजात बच्चे अज्ञात बीमारी के कारण तेजी से मर रहे हैं. उस समय डॉ. इग्नाज सेमेल्विस ने प्रस्ताव रखा कि सबसे पहले डॉक्टर हाथ साफ रखना शुरू करेंगे. उन्होंने पाया कि डॉक्टर और अन्य स्टाफ अनजाने में महिलाओं और अन्य रोगियों के बैक्टीरिया से संक्रमित कर रहे थे.

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उनके इस प्रस्ताव को 1840 में वियना में लागू किया गया. हाथ धोने की व्यवस्था लागू करने के बाद मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आई. मैटरनिटी वार्ड जहां गर्भवती महिलाएं एडमिट रहती थीं, वहां होने वाली मौतें कम हो गई थीं. हालांकि, बहुत सारे डॉक्टरों ने उनकी बात को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया इसलिए यह प्रयोग ज्यादा कामयाब साबित नहीं हो सका. डॉक्टर ये मानने को तैयार नहीं थे कि अस्पतालों की गंदगी और हाथों के संक्रमण से बीमारी फैलती है. लेकिन डॉ. सेमेल्विस की पहचान गर्भवती महिलाओं की जान बचाने वाले के रूप में हो चुकी थी. बाद में उन्हें हाथ को साफ करने के फायदों की खोज करने वाले के रूप में जाना गया.

हंगेरियन फिजिशियन डॉ. इग्नाज सेमेल्विस वियाना के जनरल अस्पताल में कार्यरत थे. आज ही के दिन वो मेटरनिटि क्लीनिक वियाना जनरल हॉस्पिटल के चीफ रेजिडेंट बनाए गए थे. उनकी खोज को बाद में प्रसिद्धि मिली. सेमेल्विस का जन्म हंगरी जिसे अब बुडापेस्ट के नाम से जाना जाता है, में हुआ था. उन्होंने वियाना यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी.

कौन थे डॉ. इग्नाज सेमेल्विस

हंगरी के फिजिशियन डॉ. इग्नाज सेमेल्विस वियना के जनरल अस्पताल में कार्यरत थे. आज ही के दिन वह मैटरनिटी क्लीनिक वियना जनरल हॉस्पिटल के चीफ रेजिडेंट बनाए गए थे. उनकी खोज को बाद में प्रसिद्धि मिली. सेमेल्विस का जन्म हंगरी में हुआ था. उन्होंने वियना यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी. आज जब पूरी दुनिया COVID-19 यानी कोरोना वायरस से ग्रसित हैं तो डॉक्टर सभी को सलाह दे रहे हैं कि हाथ को ठीक से समय समय पर धोते रहें. बचाव की यह पहली प्रक्रिया है. गूगल ने अपने वीडियो में भी 40 सेकेंड तक हाथ धोने की बात दिखाई है.

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