गोवा के अंजुना इलाके में 7 दिसंबर 2025 की रात हुआ बड़ा हादसा अब एक गंभीर आपराधिक केस बन चुका है. ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाम के क्लब में 25 लोगों की मौत के बाद गोवा पुलिस लगातार बड़ी कार्रवाई कर रही है और इस मामले में कई अहम गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. वहीं, कई बड़े नाम पुलिस की रडार पर हैं, जिन पर गिरफ्तारी वारंट और LOC जारी किया गया है.
कैसे हुआ हादसा - पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या निकला?
घटना के कुछ ही घंटों बाद फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर क्लब के अंदर से कई जरूरी सबूत इकट्ठा किए. 25 लोगों में से 21 का पोस्टमॉर्टम पूरा हो चुका है और जो रिपोर्ट सामने आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है.
19 लोगों की मौत दम घुटने वाली जहरीली गैसों के कारण हुई.
2 लोगों की मौत गैस के साथ-साथ शरीर पर लगी जलन की चोटों से हुई.
मृतकों में सबसे ज्यादा क्लब कर्मचारी ही थे.
20 कर्मचारी क्लब में काम करते थे.
4 दिल्ली के पर्यटक थे.
1 पर्यटक कर्नाटक से आया था.
4 नेपाली नागरिकों में से 2 का पोस्टमॉर्टम अभी जारी है.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद साफ हो गया कि हादसा सिर्फ एक सामान्य दुर्घटना नहीं था, बल्कि एक गंभीर लापरवाही का नतीजा था, जिसमें सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया. सुरिंदर सिंह खोसला नाम का शख्स लैंड ऑनर है, जिस क्लब में आग लगी थी. उसके खिलाफ भी LOC जारी हुआ है.
कौन-कौन गिरफ्तार हुआ?
गोवा पुलिस ने क्लब मैनेजमेंट से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया है और सभी को कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड पर भेज दिया है.
राजीव मोदक (49) – कॉर्पोरेट जनरल मैनेजर
प्रियांशु ठाकुर (32) – गेट मैनेजर
राजवीर सिंघानिया (32) – बार मैनेजर
विवेक सिंह (27) – जनरल मैनेजर
इसके अलावा, भरत कोली को दिल्ली से हिरासत में लेकर गोवा लाया जा रहा है. पुलिस का मानना है कि इन सभी का क्लब की गतिविधियों और संचालन से सीधा संबंध था और हादसे में इनकी भूमिकाएं महत्वपूर्ण हो सकती हैं.
अब कौन ‘अंडर स्कैनर’ में है - बड़े नामों पर गिरफ्तारी वारंट
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि क्लब के असली मालिक और मुख्य फैसले लेने वाले लोग अभी तक फरार चल रहे हैं. इनमें सबसे बड़े नाम शामिल हैं:
गौरव लूथरा (44), दिल्ली
सौरभ लूथरा (40), दिल्ली
अजय गुप्ता (दिल्ली/गुरुग्राम)
इन तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है. इसके अलावा, सुरिंदर कुमार खोसला के खिलाफ भी LOC (Look Out Circular) खोला गया है ताकि वह देश छोड़कर ना भाग सके.
अजय गुप्ता की भूमिका
अजय गुप्ता दिल्ली का रहने वाला है और क्लब में लूथरा बंधुओं का पार्टनर माना जाता है. वह क्लब के संचालन में तालमेल बैठाने और नेटवर्क को बढ़ाने का काम करता था. हालांकि, उसकी भूमिका लूथरा भाइयों जितनी बड़ी नहीं थी, लेकिन मामले में उसकी जिम्मेदारी साफ दिख रही है.
बताया जा रहा है कि लूथरा बंधुओं की सालाना कमाई 200 से 300 करोड़ रुपये आंकी गई है. तीनों आरोपी दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं और कुछ ही वर्षों में 25 से ज्यादा होटल, क्लब और रेस्तरां का बड़ा बिजनेस खड़ा कर चुके हैं. फिलहाल ये सभी आरोपी फरार हैं और पुलिस देशभर में दबिश दे रही है.
पुलिस किन धाराओं में केस दर्ज कर रही है?
अंजुना पुलिस स्टेशन में इस घटना को लेकर क्राइम नंबर 154/2025 दर्ज किया गया है. इसमें IPC 2023 की कई गंभीर धाराएँ लगाई गई हैं, जिनमें शामिल हैं. लापरवाही से मौत, जन-जीवन को खतरे में डालना, असुरक्षित निर्माण, सुरक्षा नियमों का उल्लंघन और ऐसे काम जिनसे सार्वजनिक जगह पर लोगों की जान खतरे में पड़ी. ये सभी धाराएं साबित करती हैं कि क्लब में नियमों का पालन नहीं किया गया और जानबूझकर सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया.
सरकारी अधिकारियों से भी पूछताछ
पुलिस सिर्फ क्लब के मालिकों और कर्मचारियों तक सीमित नहीं रही. इस घटना में सरकारी विभागों की भूमिका भी सामने आ रही है.
जांच में अब तक:
गोवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व सदस्य सचिव और पंचायत निदेशालय के पूर्व निदेशक के बयान दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, आरपोरा-नागोवा पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर से भी पुलिस ने पूछताछ की है. पंचायत दफ्तर से सर्वे नंबर 150/0 के सभी दस्तावेज जब्त किए गए हैं. माना जा रहा है कि इन्हीं दस्तावेजों से यह पता चल सकेगा कि क्लब को अनुमति कैसे और किन नियमों के अनुसार दी गई थी.
जांच किस दिशा में आगे बढ़ रही है?
पुलिस की कई टीमें देशभर के शहरों में छापेमारी कर रही हैं, खासकर दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई में, ताकि बाकी फरार आरोपी पकड़े जा सकें. कई कागजात पुलिस ने जब्त किए हैं.पुलिस का कहना है कि जांच बेहद तेजी और सावधानी से चल रही है, क्योंकि यह मामला सुरक्षा की अनदेखी और बड़े पैमाने पर लापरवाही का गंभीर उदाहरण है.
अरविंद ओझा