UN ने दी चेतावनी, भारत में फिर हो सकता है टिड्डियों का हमला

टिड्डियों का दल एक दिन में हवा के रुख के मुताबिक 135- 150 किलोमीटर तक उड़ सकता है और एक वर्ग-किलोमीटर के टिड्डियों का झुंड 35,000 लोगों के जितना भोजन चट कर सकता है.

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अजमेर में टिड्डियों का एक दल (फोटो-पीटीआई) अजमेर में टिड्डियों का एक दल (फोटो-पीटीआई)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

  • जून-जुलाई में फिर कहर बरपा सकते हैं टिड्डी
  • भारत-पाकिस्तान दोनों ही देशों को खतरा
संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization) ने चेतावनी दी है कि भारत में कुछ दिनों के बाद एक बार फिर से टिड्डी दल का हमला हो सकता है.

एफएओ के महानिदेशक क्यू डोन्ग्यू ने कहा है कि जून में एक बार टिड्डियों का दल फिर से भारत-पाकिस्तान की सीमा पर सक्रिय हो सकता है. भारत में इसका असर राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि अभी ईरान और पाकिस्तान में टिड्डियों का आतंक जारी है. भारत के राजस्थान में भी टिड्डियां का भयंकर समूह पहुंच गया है. अजमेर समेत कई जिलों में ये टिड्डियां फसलों को चट कर जा रही हैं.

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इससे पहले एफएओ ने चेतावनी दी थी कि टिड्डियों का दल राजस्थान में जुलाई तक निरंतर आता रहेगा और इसके कई फेज होंगे. विशेषज्ञों ने भारत के पूर्व में बिहार और ओडिशा तक टिड्डियों के हमले की चेतावनी दी है.

135 KM 24 घंटे में उड़ सकती है टिड्डियां

गौरतलब है कि कि टिड्डियों का दल एक दिन में हवा के रुख के मुताबिक 135- 150 किलोमीटर तक उड़ सकता है और एक वर्ग-किलोमीटर के टिड्डियों का झुंड 35,000 लोगों के जितना भोजन चट कर सकता है.

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अफ्रीका और दक्षिण पश्चिम एशिया के लिए संकट

खाद्य और कृषि संगठन के मुताबिक टिड्डियों के हमले से निपटने में वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि अफ्रीका और दक्षिण पश्चिम एशिया के लिए संकट ज्यादा गंभीर है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के मुताबिक टिड्डियों पर नियंत्रण की कोशिशों के बीच कई देशों में हाल की बारिश से टिड्डियों के प्रजनन के लिए अनुकूल मौसम पैदा हो गया है.

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जून-जुलाई का मौसम अहम

जून-जुलाई तक भारत में जब फसलों की रोपाई का समय होता है उस दौरान टिड्डियों की एक नई पीढ़ी तैयार हो जाएगी, जो भारत में किसानों की मुश्किलें बढ़ा सकती है. एफएओ के महानिदेशक क्यू डोन्ग्यू ने कहा कोरोना संकट से जूझ रही दुनिया में टिड्डियों की समस्याएं गरीबों की खाद्य सुरक्षा के लिए एक और समस्या पैदा कर सकती हैं.

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