निर्भया केस में तो कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर इंसाफ कर दिया है, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर शेलटर होम मामले में यौन शोषण का शिकार होने वाली नाबालिग बच्चियों और युवतियों को दिल्ली की साकेत कोर्ट से आने वाले फैसले का इंतजार है.
दिल्ली की साकेत कोर्ट 14 जनवरी यानी मंगलवार को अपना फैसला सुनाने जा रही है. ये पूरा मामला बिहार के शेलटर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत जिला अदालत में पूरी हुई है.
ये मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के सामने आने के बाद सुर्खियों में आया. इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर बृजेश ठाकुर का नाम आया जो बिहार सरकार के बेहद करीब था.
बृजेश ठाकुर समेत 21 पर आरोप तय
इस मामले में साकेत कोर्ट ने बृजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पोक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश जैसी धाराओं में आरोप तय किया है. सीबीआई ने भी मामले में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर को ही बनाया है. सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल की गई अपनी चार्जशीट में बताया है कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म होता रहा. उसे बृजेश ठाकुर ही चला रहा था.
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इसके अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण के अधिकारियों को भी सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 7 फरवरी 2019 को मामला बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था और 23 फरवरी 2019 से ही इस मामले की लगातार साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी.
पीड़ितों ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया
इस मामले में जिन बच्चियों और युवतियों के साथ बलात्कार और यौन शोषण की घटनाएं हुईं. उन्होंने दिल्ली की कोर्ट में अपने बयान में इसकी पुष्टि भी की है. सभी पीड़िताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट की तरफ से उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी, ताकि उन पर दबाव डालकर उन्हें बयान बदलने के लिए मजबूर न किया जा सके.
जिस तरह से इस पूरे मामले की सुनवाई हुई है और उसके बाद पीड़ितों ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया है, उसके बाद इस बात की उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट बृजेश ठाकुर और बाकी आरोपियों को मंगलवार को कड़ी सजा सुना सकती है. इस मामले में जिन धाराओं में कोर्ट में केस चला है उसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.
पूनम शर्मा