राहुल के ताज पर तेजस्वी के तीर, PM पद की दावेदारी पर सिर्फ JDS साथ

रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस का निर्णय सटीक, सपाट और स्पष्ट है. राहुल गांधी हमारा चेहरा हैं. हम उनके नेतृत्व में जनता के बीच जाएंगे.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी ने 2019 में पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. लेकिन यूपीए में कांग्रेस के सहयोगी दल राहुल के नेतृत्व को लेकर हिचक रहे हैं. कांग्रेस की सबसे भरोसेमंद सहयोगी मानी जाने वाली आरजेडी के सुर भी बदले-बदले दिख रहे हैं.

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रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस का निर्णय सटीक, सपाट और स्पष्ट है. राहुल गांधी हमारा चेहरा हैं. हम उनके नेतृत्व में जनता के बीच जाएंगे. जब हम सबसे बड़ा दल होंगे तो स्वाभाविक रूप से वही चेहरा होंगे. इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं है.'

कांग्रेस के राहुल के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर अब तक सिर्फ जेडीएस ही सहज दिख रही है बाकी सहयोगी दल इससे हिचक रहे हैं. आरजेडी ने इशारों-इशारों में राहुल की पीएम पद की दावेदारी पर सवाल खड़े करते हुए कई और नाम  इस पद के लिए उछाल दिए हैं.

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इशारा किया कि विपक्ष में कई ऐसे नेता हैं, जो प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर सकते हैं. यादव ने कहा, 'क्या उन्हें (राहुल गांधी) आधिकारिक तौर पर पीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया गया है? राहुल गांधी के साथ-साथ ममता बनर्जी (टीएमसी), शरद पवार (एनसीपी), मायावती (बसपा) ये सभी प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

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तेजस्वी ने कहा कि मुझे किसी के भी नाम से कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन 2019 के चुनावों के लिए सभी विपक्षी नेताओं से बातचीत की जिम्मेदारी राहुल गांधी की है क्योंकि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. ये हाल तब है जब राहुल गांधी तेजस्वी के साथ निजी तौर पर तालमेल बिठाने की कई कोशिशें कर चुके हैं. 

राहुल की पीएम पद की दावेदारी पर जेडीएस को छोड़कर कोई दल राजी नहीं दिख रहा है. ममता बनर्जी ने इसपर बोलने से इनकार कर दिया है. जबकि बसपा नेताओं ने पहले ही मायावती को गठबंधन का पीएम चेहरा बनाने का फैसला किया है. राहुल के नाम पर बसपा नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, वो कहते हैं कि इस पर मायावती फैसला करेंगी.

सपा भी राहुल के नाम पर राजी नहीं दिख रही है. अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि चुनाव के बाद गठबंधन का नेता तय होगा. इससे पहले भी जब कांग्रेस नेताओं के द्वारा राहुल को पीएम उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ाया गया था. तब अखिलेश अपनी असहमति जाहिर कर चुके हैं. अब सपा के नेता भी कह रहे हैं कि गठबंधन बनने से पहले कांग्रेस कैसे पीएम उम्मीदवार की दावेदारी कर सकती है.

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