मनीष तिवारी बोले- ज्वालामुखी पर बैठा है कश्मीर, क्या हम उसके फटने का कर रहे हैं इंतजार

जम्मू और कश्मीर पर बोलते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि यहां अघोषित इमरजेंसी है यहां नागरिक अधिकारों का अस्तित्व समाप्त हो गया है. सरकार के पास मानव निर्मित आपदा से निपटने के लिए कोई नीति नहीं है.

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मनीष तिवारी मनीष तिवारी

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST

  • कश्मीर ज्वालामुखी पर बैठा है, क्या हम उसके फटने का इंतजार कर रहे हैं- मनीष तिवारी
  • मनीष तिवारी बोले- ग्रामीण भारत में लोगों के पास पार्ले जी खरीदने के लिए 5 रुपए भी नहीं

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर ज्वालामुखी पर बैठा है, क्या हम उसके फटने का इंतजार कर रहे हैं. अवैध गिरफ्तारी के अलावा, जबरदस्ती उठाए जा रहे कदम और पूर्णत: बंद दर्शाता है कि सरकार इससे पूरी तरह बेखबर है.

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मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार- 2 के शुरुआती 96 दिन को अव्यवस्थित अत्याचार के रूप में देखा जा सकता है. प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि अर्थव्यवस्था मजबूत है, वहीं गृह मंत्री इस पर पूछने पर कहते हैं कि इससे आपका क्या मतलब?  निवेशकों की भारत की अर्थव्यवस्था में कोई रूचि नहीं है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि कृषि से भारत में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और भारत में कृषि पर 65 प्रतिशत लोग निर्भर हैं. ग्रामीण भारत में लोगों के पास पार्ले जी खरीदने के लिए 5 रुपए भी नहीं हैं. विगत 5 वर्षों में कृषि संकट गहराया.

मनीष तिवारी बोले, मुद्रा योजना को महान रोजगार योजना  के रूप में पेश किया गया था. नई नौकरियों में मुद्रा योजना के तहत दिए गए कुल ऋण का केवल 10 प्रतिशत है. यह सरकार की बड़ी विफलता है.

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जम्मू और कश्मीर पर बोलते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि यहां अघोषित इमरजेंसी है यहां नागरिक अधिकारों का अस्तित्व समाप्त हो गया है. सरकार के पास मानव निर्मित आपदा से निपटने के लिए कोई नीति नहीं है.

असम के हालात पर मनीष तिवारी बोले, 19 लाख से अधिक लोगों को राज्यविहीन घोषित कर दिया गया. क्या भारत सरकार के पास उनके लिए कोई योजना है जिनका नाम एनआरसी की लिस्ट में नहीं है.

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