शिवसेना का तंज, छिल्लर की जीत का श्रेय BJP को मिलना चाहिए

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में लिखा है, 'हरियाणा की इस सुंदर  महिला ने निश्चित ही 17 वर्षों के अंतराल के बाद विश्व सुंदरी का ताज जीतकर देश को गौरवान्वित किया है.

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प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दिनेश अग्रहरि

  • नई दिल्‍ली,
  • 21 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना उस पर तंज कसने का कोई मौका नहीं गंवाती. शिवसेना ने आश्चर्य जताया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में से अब तक किसी ने क्यों नहीं मानुषी छिल्लर के 'मिस वर्ल्ड' चुने जाने पर क्रेडिट लेने की कोशि‍श की.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में भाजपा पर तंज कसते हुए लिखा है, 'हरियाणा की इस सुंदर  महिला ने निश्चित ही 17 वर्षों के अंतराल के बाद विश्व सुंदरी का ताज जीतकर देश को गौरवान्वित किया है. यह केवल (नरेंद्र मोदी-अमित शाह) सरकार की वजह से ही संभव हो सका, जिसने दैवीय आशीर्वाद के साथ सत्ता संभाली थी.'

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संपादकीय के अनुसार, यह बहुत ज्यादा आश्चर्यजनक है कि 'सत्तारूढ़ पार्टी में से कोई भी विश्व सुंदरी का खिताब जीतने की उनकी इस उपलब्धि के गौरव को अपना बताने नहीं आया.'

नोटबंदी पर तंज

सामना के अनुसार, 'मानुषी का उपनाम 'छिल्लर' है, इसलिए उन्होंने जीत दर्ज कराई. वास्तव में यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी नीति की जीत है. 1000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के बाद लोगों के हाथों में केवल 'चिल्लर (खुदरा पैसा) ही बचा. इस उपलब्धि का श्रेय लेने के लिए अभी तक कोई भी सामने क्यों नहीं आया.'

संपादकीय में अनुमान लगाते हुए लिखा गया है, 'छिल्लर द्वारा प्रतियोगिता में दिए गए उत्तर के कारण उन्होंने जीत हासिल किया होगा, क्योंकि निर्णायकों को लगा होगा कि उनके पास दिमाग और सुंदरता दोनों है.'

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मानुषी ने निर्णायकों से यह पूछे जाने पर कि किसे सबसे ज्यादा वेतन दिया जाना चाहिए, कहा था, 'एक मां को सबसे ज्यादा आदर, और न केवल वेतन, बल्कि बहुत सारा प्यार और सम्मान दिया जाना चाहिए.'

शिवसेना ने कहा, 'लेकिन यह उसकी बड़ी जीत नहीं है, बल्कि यह नोटबंदी की जीत है. नोटबंदी के बाद देश में स्थिति चिंताजनक थी. सारी नकदी समाप्त हो गई थी और लोगों को 'चिल्लर (खुदरा पैसा) के साथ जीना पड़ रहा था.' शिवसेना ने यह संपादकीय शशि थरूर के 'चिल्लर' वाले बयान के एक दिन बाद लिखी है. शशि थरूर को अपने बयान के बाद माफी मांगनी पड़ी थी. 

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