CBSE के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली से पेपर लीक पर ये 5 सवाल

अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा के कारण समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. यह घटना इस अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा का उदाहरण है जहां कुछ तत्वों ने प्रश्नपत्र लीक किया, लेकिन इसका नुकसान छात्रों को ही होता है. 

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सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली (फाइल फोटो) सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली (फाइल फोटो)

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं कक्षा के गणित और 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के प्रश्नपत्र लीक होने की घटना को लेकर देशभर में बोर्ड की परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली ने इस बारे में 'भाषा न्यूज एजेंसी के पांच सवाल' श्रृंखला में अपनी राय व्यक्त की.

प्रश्न 1. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 'सीबीएसई' की 10वीं एवं 12वीं कक्षा की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने की घटना को किस तरह से देखते हैं?

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उत्तर: सीबीएसई की परीक्षा प्रणाली बहुत विशिष्ट रही है और इसके बावजूद प्रश्नपत्र लीक होना चिंताजनक बात है क्योंकि इससे प्रकाशन या कलेक्शन सेंटर स्तर की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ जाती है. ऐसे में परीक्षा व्यवस्था की बड़े स्तर पर जांच कराए जाने की जरूरत है.

प्रश्न 2. इस चूक के क्या-क्या कारण हो सकते हैं? क्या आप इसे स्थापित प्रक्रियाओं का उल्लंघन मानते हैं?

उत्तर: सीबीएसई ने परीक्षाओं के संचालन में महारत हासिल की है लेकिन प्रश्नपत्र लीक होने की इस घटना से लगता है कि व्यवस्था लापरवाही की शिकार हो रही है. सीबीएसई ने ऐसी परीक्षा के लिए कई प्रश्नपत्रों का सेट तैयार करने की एक व्यवस्था तैयार की थी. पहले क्षेत्र के हिसाब से प्रश्न पत्रों के सेट अलग-अलग होते थे. कुछ राज्य बोर्ड ने इस प्रणाली को अपनाया है. लेकिन कुछ समय बाद सीबीएसई ने कई प्रश्नपत्रों के सेट 'मल्टीपल सेट' तैयार करने की प्रणाली को त्याग दिया. अगर हम मल्टीपल सेट आधारित प्रश्नपत्रों की व्यवस्था को जारी रखते तब लीक जैसी घटना का असर कम होता, तब पूरे देश में दोबारा परीक्षा लेने की जरूरत नहीं होती.

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प्रश्न 3. क्या प्रक्रिया में कोई खामी आ गई है? अगर हां, तो तत्काल क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है?

उत्तर: कुछ सालों में छात्रों की संख्या काफी बढ़ी है, उस हिसाब से नए परीक्षा केंद्र बने हैं. बोर्ड को इन केंद्रों की जांच करनी होगी, वरना इस तरह की घटनाएं बार बार हो सकती हैं. जब आप इस तरह की बड़ी परीक्षा का प्रबंधन करते हैं तो आपके पास प्लान बी और प्लान सी तैयार रहना चाहिए. हमें सीलबंद प्रश्नपत्रों के सेट की परीक्षा केंद्र पर जांच के लिए एक व्यवस्था तैयार करनी होगी जिसमें सीबीएसई का एक पर्यवेक्षक शामिल हो.

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प्रश्न 4. परीक्षा केंद्र पर इलेक्ट्रानिक रूप में प्रश्नपत्र पहुंचाने और फिर प्रिंट कराने के प्रस्ताव को आप किस रूप में देखते हैं?

उत्तर: देश के व्यापक भौगोलिक विस्तार और बसावट को देखते हुए इलेक्ट्रानिक रूप में प्रश्नपत्र पहुंचाने और फिर वहां प्रिंट कराने का प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं लगता है.

प्रश्न 5. प्रश्नपत्र लीक मामला स्कूली शिक्षा के लिए कितना नुकसान पहुंचाने वाला है?

उत्तर: अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा के कारण समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. यह घटना इस अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा का उदाहरण है जहां कुछ तत्वों ने प्रश्नपत्र लीक किया, लेकिन इसका नुकसान छात्रों को ही होता है. 

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गौरतलब है कि सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक गांगुली ने प्रश्नपत्र लीक होने पर चिंता जताई है क्योंकि प्रश्नपत्र लीक होने से शिक्षा प्रणाली की व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे है. साथ ही नए परीक्षा केंद्रों की बोर्ड को जांच करनी होगी और सीलबंद प्रश्नपत्रों के सेट की परीक्षा केंद्र पर जांच के लिए एक व्यवस्था तैयार करनी होगी जिसमें सीबीएसई का एक पर्यवेक्षक शामिल हो. वरना इस तरह की घटनाएं बार बार हो सकती हैं. पेपर लीक होने का सबसे ज्यादा असर छात्रों पर ही होता है. 

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