डीके शिवकुमार बनवा रहे जीसस की 114 फीट ऊंची मूर्ति, BJP-RSS ने किया विरोध

कर्नाटक के कनकपुरा शहर में बनने जा रही जीसस क्राइस्ट की प्रतिमा का बीजेपी और आरएसएस विरोध कर रही है. आरोप है कि कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार कनकपुरा के कपालीबेट्टा में ईसा मसीह की 114 फीट ऊंची प्रतिमा बनवा रहे हैं. हालांकि इसको लेकर उन्होंने सफाई भी दी है.

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कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (फाइल) कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार (फाइल)

aajtak.in

  • कनकपुरा ,
  • 13 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

  • कनकपुरा में 114 फीट ऊंची प्रतिमा ईसा की प्रतिमा
  • बीजेपी-आरएसएस इसका कर रहे लगातार विरोध

कर्नाटक के कनकपुरा शहर में बनने जा रही जीसस क्राइस्ट की प्रतिमा का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विरोध कर रही है. आरोप है कि कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार कनकपुरा के कपालीबेट्टा में ईसा मसीह की 114 फीट ऊंची प्रतिमा बनवा रहे हैं.

हालांकि सत्तारुढ़ बीजेपी के अलावा आरएसएस डीके शिवकुमार की इस प्रोजेक्ट का लगातार विरोध कर रही है और उसकी ओर 'कनकपुरा चलो' का नारा दिया गया है.

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विरोध के कारण तनाव बढ़ा

बीजेपी के विरोध की वजह से यहां पर तनाव बढ़ गया है. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए जिला प्रशासन ने यहां करीब 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी है.

पूरे विवाद पर कनकपुरा से विधायक डीके शिवकुमार का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 114 फीट ऊंची जीसस की प्रतिमा बनाए जाने का फैसला उनका नहीं है, लेकिन ईसाई समाज से जुड़े ग्रामीण ही इसे बनवा रहे हैं. बतौर विधायक ही महज मैं उनकी मदद कर रहा हूं. इसके लिए भी जमीन दे दी गई है और हर चीज कानूनी तौर पर किया गया है.

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग इस प्रतिमा का निर्माण बेकार पड़े पत्थरों से करेंगे. मैं बस जनप्रतिनिधि होने के कारण इसका समर्थन कर रहा हूं. बीजेपी और आरएसएस के लोग इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं और शांति बिगाड़ रहे हैं.

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हो सकते हैं कर्नाटक कांग्रेस के नए अध्यक्ष

इस बीच ऐसी चर्चा भी है कि कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार जल्द ही कर्नाटक कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन सकते हैं. इसका ऐलान कभी हो सकता है. कांग्रेस हाईकमान का मानना है कि राज्य में पार्टी को मजबूत करने के लिए उनके पास संसाधन हैं. हाल में ही डीके शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं.

हालांकि शिवकुमार साल 2016 में नोटबंदी के बाद से आयकर विभाग और ईडी के निशाने पर हैं. 2017 में उनके नई दिल्ली के फ्लैट की तलाशी जब आयकर विभाग ने ली तो वहां से 8.59 करोड़ रुपये नगद मिले, जिसे विभाग ने जब्त कर लिया.

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