सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस की ओर से इस मसले पर मोदी सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है और सर्वोच्च अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए कहा जा रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का डीएनए दलित और ओबीसी विरोधी है. यह उनके डीएनए में शामिल है. कांग्रेस के दिग्गज नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बीजेपी यह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है कि यह निर्णय तब लिया गया जब कांग्रेस की सरकार उत्तराखंड में थी.
इसी के साथ वेणुगोपाल ने ऐलान किया कि कांग्रेस पार्टी 16 फरवरी को इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी. कांग्रेस की विरोध प्रदर्शन की यह घोषणा ऐसे समय में सामने आई है, जब इसके पहले सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रमोशन में आरक्षण का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने कहा था कि कोई भी अदालत किसी राज्य सरकार को यह आदेश नहीं दे सकती कि वह एससी/एसटी को आरक्षण दे.
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वेणुगोपाल ने पार्टी की सभी राज्य इकाइयों और फ्रंटल संगठनों को जारी एक सर्कुलर में कहा है, "जैसा कि आप जानते हैं कि बीजेपी और संघ परिवार की विचारधारा एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को आरक्षण देने के खिलाफ है. बीजेपी एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण के प्रावधानों पर विभिन्न बयानों और कार्रवाइयों के जरिए पिछले कई सालों से व्यवस्थित तरीके से हमले कर रही है."
उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा, "इस एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए बीजेपी सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट में असंवैधानिक रुख अपनाया है." सुप्रीम कोर्ट के आदेश को साझा करते हुए उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार द्वारा अपनाए गए रुख के जवाब में हमारी पार्टी ने तय किया है कि बीजेपी को बेनकाब किया जाए और एससी, एसटी और ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों के लिए 16 फरवरी को प्रदर्शन किया जाए."
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वेणुगोपाल ने पार्टी नेताओं से कहा है कि वे पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्षों की निगरानी और समन्वय में एससी, एसटी और ओबीसी शाखाओं के संयुक्त बैनर तले धरना या सार्वजनिक सभा या विरोध मार्च आयोजित करें.(आईएएनएस से इनपुट)
मौसमी सिंह