NRC-CAA विवाद के बीच जानिए, अवैध घुसपैठियों पर क्या थे अटल बिहारी वाजपेयी के विचार

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि अब ये कहा जाए कि अल्पसंख्यकों के वोट का सवाल है...इस पर मत बोलो...चुप रहो...और पार्टियां क्यों नहीं बोलती है, मेरी समझ में नहीं आता है...कोई देश इस तरह से बड़े पैमान पर अवैध घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं कर सकता है.

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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो-Getty image) पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो-Getty image)

पन्ना लाल

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

  • अटल ने संसद में उठाया था घुसपैठ का मुद्दा
  • रोजगार के लिए आना अलग बात-अटल
  • ये हिन्दू मुसलमान का सवाल नहीं है-वाजपेयी

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती है. ऐसे मौके पर जब देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के मुद्दे पर जबर्दस्त बहस का दौर जारी है. इन मुद्दों पर अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों का जानना जरूरी है. बांग्लादेश से अवैध घुसपैठियों की आवाजाही, असम पर पड़ने वाले इसके असर, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इसके आयाम पर पूर्व पीएम वाजपेयी संसद में अपनी राय जाहिर करते रहे हैं.

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'पूरब से गैर कानूनी तौर पर लोग आ रहे हैं'

बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद से देश को चेतावनी दी थी. 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद 2005 में उन्होंने संसद में कहा था, "पूरब में हमारे एक पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में गैरकानूनी तौर पर लोग आ रहे हैं. सीमा पर उचित प्रबंध नहीं है...पूछताछ का भी तरीका नहीं है...अगर कोई रोजगार के लिए आए और रोजगार कमाने के बाद वापस चला जाए वो एक स्थिति अलग है ...ऐसे लोगों के लिए वर्क परमिट का भी इंतजाम किया जा सकता है."

'सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या का स्वरूप बदल रहा है'

वाजपेयी ने घुसपैठियों से जुड़े खतरे को लेकर आगाह करते हुए कहा था, "अगर कोई चोरी छुपे आए...नदियों के रास्ते से आए...झाड़ों के झुरमुट में छिप कर आएं...और लाखों की संख्या में आएं, ये गृह मंत्रालय की रिपोर्ट है...इस बात के लिए आवाज उठाना कि उनका आना रोका जाना चाहिए...सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या का स्वरूप बदल रहा है...असंतोष पैदा हो रहा है...तनाव बढ़ रहे हैं."

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पूर्व पीएम वाजपेयी ने कहा संसद में कहा था कि बांग्लादेश से हो रहे घुसपैठ को लेकर करीमगंज में एक विशाल रैली हुई थी और ये बीजेपी की रैली नहीं थी, बल्कि स्थानीय लोगों के गुस्से का प्रकटीकरण था. वाजपेयी ने कहा था, "रैली में आए लोगों के मन में ये भाव था कि उनका आना रुकना चाहिए इतनी बड़ी संख्या में आना ये हमारे भविष्य को खतरे में डालेगा...ये हिन्दू मुसलमान का सवाल नहीं है..."

'देश हित में उठाते हैं आवाज, वोटों के लिए नहीं'

पूर्व पीएम ने कहा था कि 'अब ये कहा जाए कि अल्पसंख्यकों के वोट का सवाल है...इस पर मत बोलो...चुप रहो...और पार्टियां क्यों नहीं बोलती है, मेरी समझ में नहीं आता है...कोई देश इस तरह से बड़े पैमान पर अवैध घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं कर सकता है...ये ठीक है कि पूरी तरह से रोकना मुश्किल होता है...लेकिन ये समस्या है. और इसकी रोकथाम होनी चाहिए...और अगर हम आवाज उठाते हैं तो देश के हित में उठाते हैं...वोट के लिए नहीं उठाते हैं, ये बात लोगों के गले में उतरनी चाहिए."

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