SC ने कहा- आधार सुरक्षा के दावे करती है सरकार, फिर धोनी की जानकारी लीक कैसे?

कुछ समय पहले ट्विटर पर महेंद्र सिंह धोनी की आधार कार्ड के लिए फिंगर प्रिंट लेते हुए फोटो वायरल हुई थी. इस पर उनकी पत्नी साक्षी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से नाराजगी व्यक्त की थी.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

मोहित ग्रोवर

  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले दो दिनों से सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार आधार की सुरक्षा को लेकर कई बार दावे कर चुकी है. बहस के दौरान पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का भी जिक्र हुआ.

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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार लगातार आधार के फुलप्रूफ होने का दावा कर रही है, लेकिन अभी हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी का डाटा लीक हो गया था. आपको बता दें कि कुछ समय पहले ट्विटर पर महेंद्र सिंह धोनी की आधार कार्ड के लिए फिंगर प्रिंट लेते हुए फोटो वायरल हुई थी. इस पर उनकी पत्नी साक्षी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से नाराजगी व्यक्त की थी.

आधार पर SC ने पूछा- प्राइवेट पार्टी को जानकारी दे सकते हैं, तो सरकार को क्यों नहीं?

क्या था पूरा मामला?

पिछले साल मार्च में आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े एक ट्विटर हैंडल से धोनी के आधार से जुड़े फॉर्म की जानकारी ट्वीट कर दी गई. इस पर साक्षी ने सवाल उठाते हुए रविशंकर प्रसाद से पूछा था कि प्राइवेसी नाम की कोई चीज है या नहीं?

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दरअसल, आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े लोग धोनी के घर जाकर उनके आधार से जुड़ी चीजें अपडेट कर रहे थे. इसी का प्रचार ट्विटर से किया गया. इसी क्रम में एक ट्वीट में धोनी का फॉर्म भी पोस्ट कर दिया गया, जिस पर आपत्ति जताते हुए साक्षी ने रविशंकर प्रसाद से सवाल-जवाब किए.

साक्षी ने कहा कि प्राइवेसी नाम की कोई चीज है या नहीं? आवेदन सहित आधार कार्ड का विवरण सार्वजनिक कर दिया गया है. इस पर मंत्री रविशंकर ने कहा कि नहीं, यह कोई सार्वजनिक संपत्ति नहीं है. क्या यह ट्वीट किसी भी व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करता है? जिस पर साक्षी ने कहा कि फॉर्म में भरी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई हैं.

प्राइवेट पार्टी के मुद्दे पर भी सुप्रीम कोर्ट ने घेरा

आधार की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं से गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सरकार के साथ अपना एड्रेस प्रूफ शेयर करने में उन्हें क्या परेशानी है, जबकि उन्हें प्राइवेट पार्टियों के साथ जानकारी शेयर करने में कोई परेशानी नहीं है.

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'अगर आपको इंश्योरेंस चाहिए तो आप प्राइवेट पार्टी के पास जाते हैं. अगर आपको फोन चाहिए तो आप प्राइवेट पार्टी के पास जाते हैं. अगर प्राइवेट कंपनी आपसे एड्रेस प्रूफ मांगती है, तो आपको कोई दिक्कत नहीं. लेकिन सरकार मांगती है तो ये आपकी पहचान से जुड़ जाता है.'

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