प्रदूषण जांच करने वाली गाड़ियां खुद बीमार, वायरल हुई तस्वीर तो मंत्री बोले- साजिश है हमारे खिलाफ

राजस्थान परिवहन विभाग ने गाड़ी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गाड़ी का चालान कर प्रदूषण की जांच करने पर रोक लगा दिया है.

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प्रदूषित जांच करने वाला वाहन (Photo- Aajtak) प्रदूषित जांच करने वाला वाहन (Photo- Aajtak)

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 13 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रही प्रदूषण जांच करने वाली बीमार गाड़ी की तस्वीर
  • परिवहन विभाग ने बताया बदनाम करने की साजिश, कहा- कार्रवाई की जा रही

राजस्थान में प्रदूषण जांच करने वाले वाहन खुद ही प्रदूषण से बीमार हैं. इसका खुलासा सोशल मीडिया पर एक वीडियो के वायरल होने के बाद हुआ. वीडियो में प्रदूषण जांच करने वाली एक गाड़ी बुरी तरह से काला धुआं फेंकते हुए सड़क पर सरपट दौड़ रही थी. राजस्थान के परिवहन मंत्री से जब यह सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था यह परिवहन विभाग को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में कार्रवाई की जा रही है.

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जयपुर के कालावड रोड की पुलिया पर दौड़ते हुए उस वाहन को राजस्थान सरकार ने प्रदूषण की जांच के लिए अधिकृत कर रखा है. मगर जिस तरह से यह प्रदूषण फैला रहा है उसे देखकर कहीं से नहीं कहा जा सकता यह हमारे और आपके जीवन को बचाने के लिए प्रदूषण जांच करने वाली गाड़ी है. यह गाड़ी भागीरथ नाम के व्यक्ति की है जिसे राजस्थान सरकार ने प्रदूषण जांच के लिए अधिकृत कर रखा है.

गाड़ी का चालान, प्रदूषण जांच करने पर रोक

वीडियो वायरल होने के बाद परिवहन विभाग ने इस गाड़ी का चालान कर इसको प्रदूषण की जांच करने से रोक दिया है. इस घटना पर राजस्थान के परिवहन मंत्री कहते हैं चूंकि मार्च आ गया है और परिवहन विभाग सख्ती कर रहा है, इसलिए उसे बदनाम करने के लिए साजिश रची जा रही है. ऐसा कहीं भी किसी के साथ हो सकता है जब किसी की गाड़ी से धुआं निकलने लगे और हम उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में पोस्ट कर दें.

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हालांकि, परिवहन मंत्री का तर्क गले उतरने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि वह प्रदूषण जांचने वाली गाड़ी नहीं थी बल्कि उसमें सामान रखा था. मंत्री के इस बयान से ऐसा लग रहा है कि परिवहन मंत्री को यह भी पता नहीं है कि जिस गाड़ी में सामान रखा होता है वही प्रदूषण की जांच करती है. आजतक की टीम ने इस तरह के दूसरे वाहनों को भी देखा जो बुरी हालत में थे. ऐसा लग रहा था कि प्रदूषण जांचने वाली गाड़ियां नहीं बल्कि कोई कबाड़ में रखी गाड़ी है.

10वीं पास प्रदूषण जांच के लिए लाइसेंस ले सकता है

प्रदूषण जांच करने वालों का कहना है कि सरकार ने नियम बदल दिए जिसकी वजह से प्रदूषण की जांच में लापरवाही हो रही है. राज्य में पहले आईटीआई किया हुआ व्यक्ति ही प्रदूषण जांचने के लिए लाइसेंस ले सकता था मगर अब 10वीं पास कोई भी प्रदूषण जांच के लिए लाइसेंस ले सकता है. इसके अलावा प्रदूषण की जांच पहले जरूरी थी और नहीं करने पर पेनाल्टी लगती थी मगर उसे भी खत्म कर दिया गया.

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पिछले 20 सालों से प्रदूषण की जांच कर रहे धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि कोई भी गाड़ी कहीं भी धुआं दे सकती है अगर सिलेंडर काम नहीं करे या फिर साइलेंसर में कुछ फंस जाए तो धुआं दे सकती है इससे हम वाहन के फिटनेस पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद परिवहन विभाग ने प्रदूषण की जांच करने वाली सभी गाड़ियों के जांच के आदेश दिए हैं और इस तरह की पुरानी गाड़ियों को बदलने के लिए भी कहा है.

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