सीएम अशोक गहलोत को क्यों बोलना पड़ा- सक्रिय नहीं हुए तो सरकार रिपीट करना मुश्किल?

सीएम अशोक गहलोत ने सभी विधायकों को चेतावनी दी है कि वे समय रहते जनता के बीच विकास कार्यों का प्रचार करना शुरू कर दें, ऐसा नहीं होने पर सरकार का रिपीट करना मुश्किल हो जाएगा.

Advertisement
सीएम अशोक गहलोत सीएम अशोक गहलोत

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 08 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST
  • सभी विधायकों को विकास बुकलेट बनवाने के निर्देश
  • बीजेपी पर प्रोपेगेंडा के जरिए आगे बढ़ने का आरोप

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के सामने कड़े तेवर दिखाए हैं. तीन दिनों तक जयपुर के पांच सितारा होटल में चले मंथन में सीएम गहलोत ने हर विधायक से उनका रिपोर्ट कार्ड मांगा है और विकास कार्यों की समीक्षा की है. इस मौके पर उनका अंदाज तल्ख रहा और बीच-बीच में बड़े संदेश भी दिए गए.

गहलोत की बड़ी चिंता

Advertisement

सीएम गहलोत ने साफ कर दिया कि अगर विधायक अभी से सक्रिय नहीं हुए तो सरकार का रिपीट करना मुश्किल हो जाएगा. उनका संदेश स्पष्ट था-अगर जमीन पर काम नहीं हुआ, अगर ठीक से प्रचार नहीं किया गया तो सरकार का वापस जीतना चुनौती बन जाएगा. उन्होंने जानकारी दी कि अजय माकन द्वारा कुछ सर्वे करवाए गए हैं. अगर उन सर्वे के नतीजे उत्साहजनक नहीं रहे तो विधायकों का टिकट कटना शुरू हो जाएगा.

इसके बाद मंथन के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब गहलोत अपने ही विधायकों से खासा नाराज हो गए. उन्होंने सभी से पूछा कि अभी तक कितने विधायकों ने विकास का बुकलेट बनवाया है और उसका जनता में वितरण किया है. इस पर सिर्फ 10 से 12 विधायकों ने ही हाथ खड़ा किया. ये देख अशोक गहलोत भड़क गए और उन्होंने अजय माकन को कह दिया कि इन लोगों का ऐसा हाल है. सीएम ने साफ कर दिया कि सभी विधायकों को जल्द से जल्द विकास का बुकलेट बनवाना होगा. समय नहीं बचा है, चुनाव से पहले सरकार के सभी काम जनता के बीच पहुंच जाने चाहिए.

Advertisement

चुनावी प्रचार पर पूरा जोर

बातचीत के दौरान अशोक गहलोत ने इस बात को भी स्वीकार किया कि कई मौकों पर काम करने के बाद भी कांग्रेस पीछे रह जाती है और बीजेपी प्रोपेगेंडा कर उनसे आगे होती है. जोर देकर कहा गया कि इस बार सरकार को रिपीट करवाना है, फिर सत्ता में जरूर आना है. वो तभी संभव होगा जब जनता के बीच सरकार का काम ठीक तरीके से पहुंच पाएगा, जब प्रचार किया जाएगा.

वैसे सीएम गहलोत ने तो नाराजगी जाहिर की ही, इसके अलावा विधायकों ने भी नियुक्तियों को लेकर अपना गुस्सा दिखाया. कहा गया कि कई मौकों पर स्थानीय नेताओं को जानकारी देने के बाद भी राजनीतिक नियुक्तियां नहीं की जाती हैं. अब जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार का ये चिंतन शिविर आज दोपहर को ही समाप्त होने जा रहा है क्योंकि कल से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो जाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement