राजस्थान चुनाव: मालपुरा से बीजेपी के कन्हैया लाल जीते

राजस्‍थान में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मालपुरा से बीजेपी के कन्हैया लाल ने जीत दर्ज की है.मालपुरा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कन्हैयालाल चौधरी और कांग्रेस-आरएलडी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी रणवीर पहलवान के बीच मुकाबला बताया जा रहा था.

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

राहुल झारिया

  • नई दि‍ल्‍ली,
  • 11 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:34 PM IST

राजस्‍थान में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मालपुरा से बीजेपी के कन्हैया लाल ने जीत दर्ज की है.मालपुरा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कन्हैयालाल चौधरी और कांग्रेस-आरएलडी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी रणवीर पहलवान के बीच मुकाबला बताया जा रहा था.

मालपुरा विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. जबकि एक दौर में कांग्रेस की यह परंपरागत सीट रही है. राजस्थान के 'व्यास परिवार' का मालपुरा की सीट पर दबदबा रहा है, लेकिन परिसीमन के बाद सियासी समीकरण ऐसे बदले की व्यास परिवार के हाथों से ये सीट निकल गई और जाट समुदाय की सियासत हावी हो गई.

Advertisement

2013 के नतीजे

बीजेपी के कन्हैयालाल चौधरी को 76799 को वोट मिले

कांग्रेस के रामविलास चौधरी को 36578 को वोट मिले

2008 के नतीजे

निर्दलीय तौर पर रणवीर पहलवान को 31365 को वोट मिले

कांग्रेस के डॉ. चंद्रभान को 27552 वोट मिले

2003 के नतीजे

बीजेपी के जीतराम को 45876 वोट मिले

कांग्रेस के सुरेंद्र व्यास को 35046 वोट मिले

मालपुरा का सियासी इतिहास

देश की आजादी के बाद राजस्थान में हुए 1951 के पहले चुनाव में मालपुरा सीट से दामोदर व्यास ने चुनाव कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर जीतकर विधायक बने. इसके बाद 1957 में दामोदर व्यास दोबारा से निर्विरोध विधायक बने. मालपुरा सीट से निर्विरोध चुनाव जीतने का यह पहला और आखिरी मौका था, लेकिन अगले ही चुनाव 1962 में स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार जयसिंह ने दामोदर व्यास को चुनाव हरा दिया. हालांकि इसके बाद 1967 में हुए चुनाव में व्यास ने जीतकर वापसी की.

Advertisement

1972 में विधानसभा चुनाव में मालपुरा से दामोदर व्यास के पुत्र सुरेंद्र व्यास कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए. हालांकि 1977 में जनता पार्टी के नारायण सिंह से वो हार गए. जनता पार्टी के टूट जाने का 1980 में कांग्रेसी के सुरेंद्र व्यास को फायदा मिला और वो दोबारा से विधायक बने.

हालांकि 1985 में जनता पार्टी ने दोबारा वापसी. इसके 1990 में कांग्रेस से सुरेंद्र व्यास फिर जीत हासिल की थी. इसके बाद 1993 के चुनाव में जीतराम चौधरी विधायक बने. कांग्रेस ने 1998 में सुरेंद्र व्यास की जगह सरोज गुर्जर को चुनाव मैदान में उतारा. ऐसे में नाराज सुरेंद्र व्यास ने निर्दलीय रूप में उतर जीत हासिल की.

मालपुरा का जातीय समीकरण

मालपुरा के गांवों में जाट, गुर्जर और दलित जातियों का दबदबा है. दलित 50 हजार,  जाट 42 हजार, गुर्जर 30 हजार, सैनी 20 हजार, मुस्लिम 18 हजार, राजपूत 15 हजार, ब्राह्मण 15, वैश्य 10 हजार इसके अलावा करीब 35 हजार अन्य समुदाय का वोट है.

विधानसभा का समीकरण

राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

Advertisement

'To get latest update about Rajasthan elections SMS RJ to 52424 from your mobile. Standard SMS Charges Applicable.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement