राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय तक चली कलह के बाद अब सुलह के आसार दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शनिवार को एक ही हेलिकॉप्टर में बैठकर किसान रैली को संबोधित करने बीकानेर के डूंगरगढ़ और चित्तौड़ के मातृकुंडिया जाएंगे.
विधानसभा चुनाव के बाद ये पहली बार होगा जब दोनों दिग्गज नेता एक साथ रैली करेंगे.
कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से दोनों नेताओं को निर्देश मिले हैं कि किसान रैली में दोनों एक साथ जाएं. इन दोनों नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन पहले ही राजस्थान पहुंच चुके हैं. राहुल गांधी के दौरे के बाद राजस्थान में कांग्रेस एक बार फिर से रैली के बहाने बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाना चाहती है.
दरअसल, तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सचिन पायलट लगातार रैलियां कर रहे हैं. इसे देखते हुए पार्टी ने फैसला किया है कि किसानों के इस मुद्दे पर अब सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक साथ रैली करेंगे.
विधानसभा चुनाव के दौरान घूमे थे साथ
इसके पहले, विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों नेता एक साथ हेलिकॉप्टर में बैठकर घूमते थे, मगर मुख्यमंत्री पद की रेस के चलते दोनों के बीच मदभेद उत्पन्न हुए. कुछ महीने पहले ऐसा भी वक्त आया था, जब पायलट ने अपने समर्थकों के साथ विद्रोह कर दिया था. चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब दोनों नेता एक ही हेलिकॉप्टर में किसी सभा को संबोधित करने जाएंगे.
दरअसल, पुडुचेरी में सरकार गिरने के बाद कांग्रेस आलाकमान लगातार सचिन पायलट को अशोक गहलोत के नजदीक लाने में लगा हुआ है और इसके लिए गहलोत पर भी दबाव बनाए हुए है. दोनों नेताओं के साथ रैली करने की खबर आने के बाद अब हर तरफ यही सियासी चर्चा चल रही है कि जब दोनों चार घंटे हेलिकॉप्टर में साथ रहेंगे तो क्या रिश्तों में जमी बर्फ पिघलेगी?
किसान नेता राकेश टिकैत की रैलियों में उमड़ रही भीड़ की वजह से कांग्रेस को लगता है कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ माहौल बन रहा है.
शरत कुमार