पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में अचानक तेजी आई है. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, इस सीजन अब तक 353 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. 10 दिन पहले तक यह आंकड़ा सिर्फ 116 था. यानी राज्य में पराली में आग लगाने के मामलों में तीन गुना से ज़्यादा इजाफा हुआ है.
आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज़्यादा मामले तरण तारन (125) और अमृतसर (112) से सामने आए हैं. जबकि फरीदकोट, पटियाला और संगरूर में भी कई किसानों ने फसल अवशेषों को जलाकर खेत साफ किए हैं.
जुर्माना वसूलती है सरकार
पंजाब की भगवंत मान सरकार के जुर्माना अभियान के बावजूद कई किसान रबी फसल की बोआई से पहले खेतों को जल्दी तैयार करने के लिए आग का सहारा ले रहे हैं. अब तक 162 मामलों में 8 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है, जिनमें से करीब 5.65 लाख रुपये वसूले भी जा चुके हैं.
अब तक 149 FIR दर्ज
इस तरह के मामलों में अब तक कुल 149 FIR भी दर्ज की गई हैं. सिर्फ तरण तारन में 61 और अमृतसर में 39 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं. PPCB ने बताया कि इन मामलों में भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना) के तहत केस दर्ज किए गए हैं.
दिल्ली की हवा पर पड़ता है असर
हालांकि 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में 70% की कमी दर्ज की गई थी, लेकिन इस साल शुरुआती आंकड़े एक बार फिर चिंता बढ़ा रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर की हवा पर इसका असर पड़ने की आशंका है.
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