पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में श्रद्धालु लड़की के साथ बदसलूकी का मामला सामने आने के बाद SGPC ने बड़ा ऐलान किया है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने फैसला किया है कि अब मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सिख मर्यादा से अवगत कराने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी. यह स्क्रीन 15 बाय 10 फीट की होगी. इस काम को अगले 15 दिनों के अंदर कर लिया जाएगा. स्क्रीन को स्वर्ण मंदिर में अंदर जाते समय पड़ने वाले गेट के बाहर लगाया जाएगा.
बता दें कि हाल ही में स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालु लड़की के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया था. इस घटना के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बयान जारी कर कहा था कि अगर किसी को ठेस पहुंची तो वह क्षमा मांगते है. चौंकाने वाली बात यह थी कि युवती के गाल पर तिरंगा बना था और एक कर्मचारी ने इस पर ऐतराज जताया था.
घटना के बाद एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा था कि 'बड़ी शर्म की बात है कि लोग ट्वीट कर रहे हैं. यहां देश-विदेशों से जितने भी श्रदालु आते हैं, हम उनका आदर करते है. सिखों ने देश की आजादी में भी अहम भूमिका निभाई, लेकिन हर बार सिखों को ही निशाना बनाया जाता है.'
ग्रेवाल ने कहा था, 'यह एक सिख धर्मस्थल है, हर धार्मिक स्थान की अपनी मर्यादा होती है. हम सभी का स्वागत करते हैं... अगर किसी अधिकारी ने दुर्व्यवहार किया है तो हम क्षमा चाहते हैं. उसके चेहरे पर लगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज नहीं था, क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था. यह एक राजनीतिक झंडा लग रहा था.'
आपको बता दें कि स्वर्ण मंदिर आध्यात्मिक रूप से सिख धर्म का सबसे महत्वपूर्ण स्थल है. हरमंदिर साहिब में सभी क्षेत्रों और धर्मों के लोगों को पूजा के लिए आने की पूरी छूट है. इसमें चार प्रवेश द्वारों के साथ सरोवर के चारों ओर एक परिक्रमा पथ है. परिसर में गर्भगृह और सरोवर के आसपास कई इमारतें बनी हुई हैं, इनमें से एक अकाल तख्त (Akal Takht) है, जो सिख धर्म के धार्मिक अधिकार का प्रमुख केंद्र है.
गुरुद्वारे के परिसर में एक घंटाघर, गुरुद्वारा समिति का कार्यालय, एक संग्रहालय और एक लंगर शामिल है. यहां एक मुक्त सिख समुदाय द्वारा संचालित रसोईघर में बिना किसी भेदभाव के सभी श्रद्धालुओं को सामान्य शाकाहारी भोजन परोसता है. प्रतिदिन 1,00,000 से अधिक लोग स्वर्ण मंदिर पूजा के लिए आते हैं.
सतेंदर चौहान