पंजाब में पैदा हुआ बिजली का संकट, मालगाड़ियों पर रोक की वजह से कोयले की सप्लाई पड़ी है बंद

सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, वर्तमान में राज्य में दिन की मांग लगभग 5100-5200 मेगावॉट और रात की मांग लगभग 3400 मेगावॉट है. दूसरी ओर, आपूर्ति पूरी तरह से अपर्याप्त है. 

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कोयले की कमी के कारण पंजाब में बिजली संकट (फाइल फोटो) कोयले की कमी के कारण पंजाब में बिजली संकट (फाइल फोटो)

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 03 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:11 PM IST
  • मालगाड़ियों के नहीं चलने से राज्य में कोयले के स्टॉक की कमी
  • बिजली की कमी बढ़कर 1000-1500 मेगावाट हो गई
  • विभाग के पास बिजली कटौती के अलावा कोई विकल्प नहीं

कोयले की कमी के कारण पंजाब में बिजली का संकट पैदा हो गया है. किसानों के रेल-रोको आंदोलन के कारण राज्य में कोयले के स्टॉक की कमी हो गई है. पंजाब के बिजली संयंत्रों में से बिजली की कमी बढ़कर 1000-1500 मेगावॉट हो गई. जीवीके थर्मल में भी बिजली की कमी है. ऐसे में बिजली विभाग के पास बिजली कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

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सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, वर्तमान में राज्य में दिन की मांग लगभग 5100-5200 मेगावॉट और रात की मांग लगभग 3400 मेगावॉट है. दूसरी ओर, आपूर्ति पूरी तरह से अपर्याप्त है. बता दें कि पंजाब के थर्मल प्लांटों को कोयले की सप्लाई दूसरे राज्यों से होती है और कोयला लेकर मालगाड़ियां ही पंजाब पहुंचती हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मालगाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है. 

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बठिंडा के तलवंडी साबो का पंजाब का सबसे बड़ा थर्मल प्लांट 2,000 मेगावाट बिजली तैयार करता है. पटियाला के नाभा का एक और बड़ा थर्मल प्लांट 1,400 मेगावाट बिजली तैयार करता है. जबकि तीन छोटे और थर्मल प्लांट है जो कि पंजाब में बिजली की कमी नहीं होने देते. लेकिन कोयले की लगातार सप्लाई नहीं होने की वजह से इसकी कमी हो गई है. 

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पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) नेशनल ग्रिड और दूसरे राज्यों से बिजली की खरीद करके राज्य की बिजली की मांग को पूरा करते आया है. लेकिन ये बिजली खरीदने के लिए राज्य को नेशनल ग्रिड और अन्य राज्यों को एडवांस पेमेंट देनी होती है जो कि अरबों रुपये है.


 

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